- निकायों में आरक्षित सीटें घटाए जाने से आक्रोश
जगदलपुर छत्तीसगढ़ सर्व पिछड़ा वर्ग समाज बस्तर संभाग स्थानीय निकाय व पंचायत में पिछड़े वर्ग के आरक्षण में कटौती को बड़ा मुद्दा बना रहा है।राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल व उपमुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपागया है।
पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष तरुण धाकड़ सहित प्रतिनिधियों ने यह ज्ञापन सौंपा। पिछड़ा वर्ग समाज ने चार मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पंचायती राज अधिनियम के तहत 2024 में आरक्षण को संशोधित करते हुए पिछड़ा वर्ग समाज के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत को 50 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है, जो कि बस्तर संभाग संभाग एवं दुर्ग संभाग के दो जिले मोहला मानपुर एवं बालोद जिला के पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए लगभग शून्य है क्योंकि 50 प्रतिशत आरक्षण बस्तर एवं सरगुजा संभाग को नहीं मिल पा रहा है। पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में सीटों का आरक्षण लागू किया जा रहा है। आरक्षण रोस्टर के अवलोकन से स्पष्ट है कि विगत चुनाव के मुकाबले 2024 के आरक्षण रोस्टर में ओबीसी वर्ग के सीटों की संख्या काफी कम हुई है। ऐसा आरक्षण किस आधार पर हुआ है? इसका भी ज्ञान ओबीसी समुदाय को नहीं हो पा रहा है । आरक्षण व्यवस्था पूर्णतः त्रुटिपूर्ण है जिसका सुधार किया जाना अति आवश्यक है। बस्तर संभाग के अलावा मानपुर एवं बालोद जिलों में निवासरत पिछड़ा वर्ग समाज के अधिकारों के साथ पूरी तरह से खिलवाड़ व छलावा है, जिसके फलस्वरूप ग्राम पंचायत, नगर पंचायत,नगर पालिका एवं नगर निगमों में पिछड़ा वर्ग समाज की सीटों में कटौती करते हुए अनारक्षित किया गया है। कहा गया है कि शासन के इस निर्णय से पूरा पिछड़ा वर्ग समुदाय नाराज एवं आक्रोशित है। इस पर यथाशीघ्र पुनर्विचार करते हुए अनारक्षित सीटों में की गई बढ़ोतरी को कम करते हुए पिछड़ा वर्ग समाज हेतु सीटों को आरक्षित करने का आग्रह किया गया है। दंतेवाड़ा जिला के कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दंतेवाड़ा को जिले से तत्काल हटाने की मांग की गई है। कहा गया है कि इन दोनों अधिकारियों द्वारा न्यूसेंस पैदा किया जा रहा है। दंतेवाड़ा पिछड़ा वर्ग समाज के प्रतिनिधियों के साथ एवं आम लोगों के साथ दोनों अधिकारियों द्वारा किए जा रहे बर्ताव, कार्यशैली एवं व्यवहार से लोग आक्रोशित हैं। ज्ञापन में आसकरण पटेल ग्राम कलगांव तहसील अंतागढ़ जिला कांकेर का पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा राजाराव पठार में किए जा रहे आंदोलन के दौरान 13 सितंबर को आकस्मिक मृत्यु हुई है।आसकरण पटेल के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है। वीणा गजेंद्र पिता पुरुषोत्तम गजेंद्र ग्राम तहसील चारामा जिला कांकेर का एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से 26 नवंबर को मौत हुई है। इस संबंध में समाज द्वारा बस्तर संभाग के सभी जिलों से ज्ञापन के माध्यम से शासन- प्रशासन को अवगत कराते हुए एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल की लापरवाही की न्यायिक जांच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई थी किंतु आज तक कार्यवाही नहीं हुई है। इन मांगों को सात दिन में अमल न होने पर 30 दिसंबर को बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में छत्तीसगढ़ सर्व पिछड़ा वर्ग समाज बस्तर संभाग के नेतृत्व में महाबंद एवं चक्काजाम करने की चेतावनी दी गई है।