जगदलपुर। बस्तर में दशकों से आदिवासियों को अपना मोहरा बनाकर विकास कार्य में अवरोध पैदा करने वाले माओवादियों द्वारा अब नया दांव चला जा रहा है जिसके अंतर्गत वह अब फिर एक बार विकास कार्यों का विरोध करने के लिए आदिवासियों को सामने ला रहे हैं। बस्तर के सबसे ज्यादा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में बीजापुर, नारायणपुर व कांकेर जिले में चल रहे विकास कार्यों को रोकने आदिवासियों को बहकाकर सामने लाकर विरोध किया जा रहा है। लगभग माह-पंद्रह दिनों से जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सरकार भी सुझबुझ से इन विषयों को सुलझाने में लगी है। बीजापुर में गंगालूर के अपवाद को छोड़ दिया जाए तो हालत सभी जगह बेकाबू हैं।
आज बीजापुर के इन्द्रावती नदी के पार बसने वाले 7 ग्राम पंचायतों के हजारों आदिवासी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कर रहें आदिवासी भैरमगढ़ ब्लॉक मुख्यालय में प्रदर्शन कर रहें हैं । इंद्रावती नदी में बांध निर्माण कार्य का विरोध,नदी पर पुल नही बनाने, नए पुलिस कैम्प नही स्थापित करने और हांदावाड़ा जलप्रपात को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित नही करने समेत 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं। राज्यपाल के नाम अपनी मांगों को पूरी करने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। इन सबके बीच एक बात सामने आ रही है कि सुरक्षा, विकास व विश्वास थीम पर सरकार कार्य कर रही है और जनता को अपने विश्वास में ले रही है। इससे माओवादियों में बौखलाहट होना स्वाभाविक है और अब दरकते जमीं को संभालने आदिवासियों को मोहरा बना रही है।