जगदलपुर… पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में इन दिनों पंचायत सचिव अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है कलम बंद काम बंद के नारे को लेकर पंचायत सचिव लगातार अपनी मांगो पर सरकार से सहमति की उम्मीद के साथ अपने अपने ब्लॉक एवं जिले में डटे हुए हैं पूर्व में सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सचिवों को आश्वस्त किया था कि सरकार बनते ही उनकी मांगों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा परंतु आज पर्यंत तक की स्थिति में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है अगर हम सचिवों की कार्यशैली की बात करें तो एक पंचायत सचिव ही वह इकलौता व्यक्ति होता है जो शासन की तमाम तरह की योजनाओं को अपने कंधे पर लेकर जन जन तक पहुंचाने का कार्य करता है शासन की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन किसी न किसी रूप से पंचायत सचिवों के माध्यम से ही संभव हो पाता है जिसे पंचायत सचिव पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ पूरा करते हैं और वाहवाही सरकार की होती है बावजूद इसके अगर हम इनके वेतन की बात करें तो पंचायत सचिव बहुत कम वेतन पर ही शासन की लगभग योजनाओं और शासन की पंचायत सचिवों से अपेक्षाओं को पूरा करते हैं यह उनका दुर्भाग्य ही है कि हमेशा से सरकारों ने इन पंचायत सचिवों की उपेक्षा की है तथा पूर्ण निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले पंचायत सचिवों की मांगों को आज पर्यंत तक नजरअंदाज किया है…
बस्तर जिले के जगदलपुर जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों के सचिव भी आड़ावल नाके के पास अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं वहीं पंचायत सचिवों को भी व्यापक समर्थन मिल रहा है आज पंचायत सचिवों के मांगों को सही ठहराते हुए समर्थन देने पूर्व विधायक संतोष बाफना, बस्तर संयुक्त मोर्चा के नवनीत चांद एवं उनकी टीम तथा पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं वरिष्ठ भाजपाई प्रदीप देवांगन ने भी अपना समर्थन देते हुए हड़ताल स्थल पर उपस्थिति दर्ज कराई