महिला आयोग अध्यक्ष ने एसडीएम एवं एनएमडीसी के दो अफसरों को लगाई फटकार

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सुनवाई कक्ष से दो अफसरों को किया बाहर

जगदलपुर । महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने एसडीएम जी आर मरकाम एवं एनएमडीसी के दो अफसरों का जमकर फटकार लगाई। डॉ. नायक ने एसडीएम को कहा कि मुझे गुमराह करने का प्रयास न करें। एनएमडीसी के उन दोनों अफसरों को सुनवाई कक्ष से किया बाहर। _ नगरनार स्टील प्लांट में नौकरी में बेटियों से भेदभाव की शिकायत की सोमवार को सुनवाई के पूर्व डॉ. नायक के द्वारा नगरनार जमीन अधिग्रहण सबंधित दस्तावेज के साथ एसडीएम श्री मरकाम को तलब किया गया था। एसडीएम अपने राजस्व अमले को न लेकर एनएमडीसी के दो अफसरों के साथ आयोग के अध्यक्ष से मिलने पहुंचे थे। आयोग के अध्यक्ष को जब यह जानकारी मिली कि एसडीएम राजस्व कर्मचारी के साथ न आकर एनएमडीसी के अशीष कमार दास और महेश मेहर के साथ आये हैं।

डॉ. नायक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एसडीएम जी आर मरकाम को जमकर फटकार लगाई और कहा कि जिनके विरूद्ध मामले की सुनवाई करनी है उसे आ बंद कमरे में मिलाने लेकर चले आये कहकर जमकर फटकार लगाई और कहा कि मुझे गुमराह करने का प्रयास न करें।

सुनवाई कक्ष से किया ___ बेटियों की नौकरियों में भेदभाव को लेकर सुनवाई पुरी हुई तो आयोग के अध्यक्ष ने एनएमडीसी के अधिशासी निदेशक श्री दास श्री मेहर एवं एसडीएम को बाहर दिया गया था। दो घंटे बाद एक सवाल के जवाब के लिये दोनों अधिकारियों को कक्ष में आने दिया गया था।

बेटियों को हक पाने का अधिकार नहीं क्या?

सुनवाई की शुरूआत में बेटियों की समिति की अध्यक्षा योगिता वाला प्रकाश ने बताया कि 2008 में जिला प्रशासन द्वारा स्टील प्लांट प्रभावित क्षेत्र को किसानों ने जमीन का बंटवारा बेटेबेटियों में किया गया था।

2010 में जमीन अधिग्रहण के दौरान बेटेबेटियों को अलग-अलग खाताधारक मानकर मुआवजा राशि दिया गया था।

लेकिन नौकरी देने की बात सामने आई तो बेटे को ही नौकरी देने का निर्णय लिया गया। योगिता ने कहा कि बेटी है तो क्या जीने का अधिकार नहीं