शासकीय राशि का बंदरबाट करने वाला पंचायत सचिव पर प्रशासनिक अधिकारी मेहरबान

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शासन की छवि को धूमिल कने वाला एलमपल्ली सचिव मंत्री के शरण में पहुंचा

कार्रवाई से बचने सचिव ने अफसरों पर बनाया दबाव

सरपंच, मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री से मामले की करेगी शिकायत

जगदलपुर/सुकमा। सत्ता में वापसी के बाद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दावा करने वाले मंत्री के इलाके के कुछ पंचायत सचिव कागजों में विकास कार्यों को अंजाम देकर कार्रवाई से बचने आबकारी मंत्री के शरण में हाजरी लगा चुके है। ऐसा ही मामला एलमपाली पंचायत के तत्कालिन सचिव का है जो इलाके में य कहता फिर रहा है कि हमारी बात मंत्री जी से हो गई है अब अधिकारी भी कार्रवाई नहीं कर सकेंगे चाहे कोई कितनी भी शिकायत क्यों ने करे। सचिव इलाके में ऐसी अफवाह फैलाकर मंत्री जी की साफ सुथरी छवि को भी बदनाम करने में जुटे है जो वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष के मेहरबानी से नागलगुण्डा का सचिव है। एलमपल्ली के सरपंच ने आरोप लगाया है कि मंत्री के दबाव में प्रशासनिक अधिकारी भी तत्कालिन सचिव गिरीश के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर डरे हुए है।

सत्ता परिवर्तन के बाद ग्रामीणों में यह उम्मीद जागी थी कि नक्सलि प्रभावित क्षेत्र के अंतिम छोर तक विकास पहुंचेगा। शासन का यह प्रयास भी रहा है कि लेकिन कुछ पंचायत सचिव शासन की छवि को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। ऐसा ही मामला सुकमा जिले के एलमपली पंचायत के तत्कालिन सचिव का है जो विकास कार्यों को कागज में अंजाम देकर शासकीय राशि का बंदरबाट कर चुका है।

सचिव पर प्रशासनिक अधिकारी मेहरबानः एलमपल्ली के सरपंच हिमानी मरकाम ने आरोप लगाया है कि सचिव गिरीश के द्वारा एक दर्जन से अधिक मृत व्यक्तियों के नाम का फर्जी मस्टररोल की भरपाई कर राशि का बंदरबाट किया है। तालाब निर्माण का अधिकांश कार्य लॉक डाउन के समय सचिव के द्वारा स्वयं के राशि का उपयोग कर मजदूरों के नाम राशि आरहण करने का भी आरोप लगाया है। सरपंच ने आरोप लगाया है कि मेरा फर्जी हस्ताक्षर कर राशि का आहरण भी किया गया है।

सचिव के कार्यकाल में जून 2018 से जून 2020 तक के कार्यों की जांच कराई जाये तो लाखों के घालमेल का मामला उजागर हो सकता है। यहां तक 14वें वित्त की राशि का भी बंदरबाट करने का आरोप लगाया है। सरपंच ने यह आरोप लगाया कि आबकारी मंत्री एवं स्थानीय विधायक से संपर्क कर कार्रवाई न करने का अधिकारी पर दबाव बनाया गया है। सचिव अपनी जुबान से ही ग्रामीण इलाको में कहता फिरता है कि मंत्री द्वारा अफसरों को कार्रवाई नहीं करने की चेतावनी दी जा चुकी है। सरपंच ने यह भी अरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में अधिकारी भी सचिव पर मेहरबान है। सरपंच ने कहा कि कार्रवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री से शिकायत की जायेगी। नक्सल प्रभावित इलाकों में आदिवासी ही आदिवासी का शोषणकर रहा है जिसका उदाहरण एलमपल्ली का सचिव है।

जांच फाईलो में बंदः एलमपल्ली के सरपंच हिमानी मरकाम के द्वारा सचिव गिरीश के कारनामों की लिखित शिकायत कलेक्टर सुकमा से तीन माह पूर्व किया गया था। कलेक्टर साहब ने सरपंच की शिकायत का बकायदा जिपं सीईओ को जांच के आदेश दिये गये थे। मामले की जांच कोंटा जनपद सीईओ द्वारा पांच सदस्यीय दलों से भी कराई थी जांच दलों ने भी भ्रष्टाचार करने की बात तो कही लेकिन जनपद सीईओ ने मामले पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया जो सफल भी हुए कारण कि कमीशन का कुछ हिस्सा उन अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। सरपंच ने आरोप लगाया है कि जांच रिपोर्ट जिला सीईओ तक पहुंचने के पहले ही राजनीतिक दबाव के बाद जांच की फाईल ही बंद कर दी गई है।

बैठक में हूं बाद में बात करूंगा: जिला पंचायत सीईओ श्री कंवर ने सरपंच की शिकायत के संबंध में कई बार चर्चा करने पर यह कहा जाता रहा कि जांच रिपोर्ट नहीं देख पाया हूं कारण मंत्री प्रवास में अपनी व्यस्तता का हवाला दिया जाता रहा। मामले पर चर्चा करने पर बैठक में व्यस्तता का हवाला देकर बाद में बात करने को लेकर टाल मटोल किया जा रहा है। अगर जिम्मेदार अफसर अपनी जिम्मेदारी से इस तरह भागते रहेंगे तो इनके नीचे के अधिकारी क्या करेंगे। जिला पंचाय के द्वारा कार्रवाई नहीं होने के कारण सचिव की बल्ले-बल्ले है। दूसरे दिन जिला पंचायत सीईओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो साहब के मोबाईल की घंटी बजती रही लेकिन रिसीव नहीं करने के चलते बात नहीं हो सकी।

भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले अधिकारी पर भी होगी कार्रवाई: बस्तर कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र ने बताया कि सचिव के द्वारा विकास कार्यों की राशि का घालमेल किया गया है और घालमेल करने वाले को अधिकारी के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है तो उन अधिकारियों के खिलाफ भी कारवाई की जाएगी |