जगदलपुर। शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण सेवा में कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सरकार भुला दी है,यह आरोप है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ के जिला स्तर के पदाधिकारियों का। जिला स्तरीय पदाधिकारी ने अपने जांबाज कार्यकर्ताओं का फोटो उपलब्ध कराते हुए कहा कि कोरोना महामारी संकट के दौरान भी अपनी जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने वाले का हौसला अफजाई भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार द्वारा नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना जांच के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाया है और देश सेवा के यह एक महत्वपूर्ण कार्य है जिसके लिए बढ़-चढ़कर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि 3 मई 2021 के बयान में कहा कि इस कोविड़ महामारी में स्वास्थ्य कर्मी एवं मितानिनों को याद किया और देवी बना दिया अच्छी बात है लेकिन साथ में हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी कोरोना संकट में अपने घर परिवार को खोया है और कोरोना का शिकार हुए हैं लेकिन इस बारे में मुख्यमंत्री ने एक भी शब्द नहीं कहा ना हम सबकी मांगों के बारे में भी कुछ नहीं कहा इससे समझ आता है कि मौजूदा भूपेश बघेल की कांग्रेसी सरकार कितना गंभीर है जबकि शासन के 2 दर्जन से भी ज्यादा योजनाओं का कार्य को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कर रही है।
कोरोना संकट में लड़ने के लिए बिना सुरक्षा के मैदान में उतार दिया जाता है हमारी जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए क्योंकि इस संकट की घड़ी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर रेडी टू ईट बाटती है, बच्चों का वजन लेती हैं। मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी भी ले जाती है और वर्तमान में 45 वर्ष से ऊपर के महिला एवं पुरुष जितने भी हैं उन्हें घर- घर जाकर वैक्सीनेशन लगवाने के लिए प्रेरित करती है साबुन से हाथ धोना तथा घर से इमरजेंसी कार्य में बाहर जाने हेतु मास्क लगाने के लिए समझाइश देती है और भी बहुत सारे योजना के अंतर्गत कार्य करती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ बस्तर संभाग जगदलपुर मांग करती है कि कोरोना जांच, वैक्सीनेशन सर्वे कार्य में ड्यूटी लगाया गया है उनका 5 लाख रुपए का बीमा किया जाना चाहिए ,कार्यरत सभी कर्मचारियों को उचित मेहनताना देना चाहिए और सुरक्षा का सही उपकरण उपलब्ध कराई जानी चाहिए
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