मंत्री के चहेते को ठेका दिलाने में जुटे वन विभाग के अफसर

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विभागीय मंत्री के करीबी का बस्तर में दबदबा

19 में से 15 आवेदन निरस्त 4 पात्रों की अनुपस्थिति में खुला टेण्डर

जगदलपुर –  कोरोना संक्रमणकाल में से ऑनलाईन टेण्डर बुलाने के बजाए वनविभाग ने बुलाया ऑफ लाईन टेण्डर। खबर है कि विभागीय मंत्री के चहेतो को ठेका दिलाने में वन विभाग के अधिकारियों ने जमकर किया होमवर्क। प्राप्त 19 आवेदनों में से 15 आवेदन को कमीखामिया बताकर निरस्त किर दिया गया। पात्र पाये गये 4 आवेदको की अनुपस्थिति में 12 मई को बस्तर डिविजन के दफ्तर में खुला टेण्डर। ठेका किसे मिला अधिकारी बोलने से बच रहे है।

कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मशीनरी एवं निर्माण सामग्री सप्लाई के लिए बस्तर डिविजन में टेण्डर बुलाया गया था उक्त टेण्डर में 19 लोगों ने आवेदन दिया था जिसमें से 15 आवेदनों को कमी-खामिया बताकर 10 मई को निरस्त कर दिया गया था। शेष चार आवेदनों को पात्र मानते हए ठेका देने की तैयारी थी। , चहेतो को ठेका देने की तैयारी: वन विभाग द्वारा ऑफ लाईन टेण्डर बुलाया गया था वन विभाग के अधिकारी ने नाम न बताने के शर्त पर बताया कि विभाग के अधिकारी का कुछ नहीं चलता है। विभागीय मंत्री के आदेशानुसार ही जोड़तोड़ कर उनके चहेतो को ठेका दिलाने का फरमान जारी किया जाता है और विभाग के अधिकारी बदनाम हो रहे है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। खानापूर्ति के लिए आवेदन तो बुलाया गया लेकिन काम मंत्री के चहेते को ही देने को लेकर जोड़तोड़ किया जा रहा है। फिलहाल उन चार पात्रों में किसे ठेका मिला अधिकारी भी बोलने से बच रहे है।

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जिला प्रशासन ने तेंदूपत्ता टेण्डर की अनुमति दी:

जिला प्रशासन द्वारा वन विभाग को तेंदुपता के टेण्डर बुलाने की अनुमति दी थी। विभाग के अधिकारियों ने मंत्री के चहेतो को ठेका देने मशीनरी एवं निर्माण सामग्री का टेण्डर बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि जिन चार ठेकेदारों को पात्र बताया गया है वह भी अनुपस्थित रहे। ठेका किसे मिला संस्पेश बरकरार है।

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बस्तर में मंत्री के करीबियों का दबदबा:

विभाग के अधिकारी अपनी दबी जुबां से यह कहा करते है कि मंत्री के करीबियों का बस्तर डिविजन सहित दंतेवाड़ा, बीजापुर एवं नारायणपुर में दबदबा है। हाईकमान से जिसका आदेश होता है उसके लिए जोड़तोड़ कर ठेका दिया जाता है। यह सब खेल उपर से हो रहा है। टेण्डर में अनियमितता की शिकायत को लेकर सीसीएफ का भी अवगत कराया जा चुका था जहां से सहायक पीसीसीएफ से जाचं कराने की बात की गई है लेकिन जांच दल अब तक नहीं पहुंचा है और टेण्डर भी ओपन कर गोलमाल किया जा चुका है