मनरेगा का कार्य प्रेतात्मा से कराने वाले सचिव पर प्रशासन मेहरबान

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अधिकारी नेता महीनों से दे रहे जांच का हवाला, कब होगी जांच

सचिव तबादला कराकर अपने चहेते नेता के गृह पंचायत पहुंचा

जगदलपुर/सुकमा। सुकमा जिले के कोन्टा विकासखंड का एलमपानी पंचायत के पूर्व सचिव द्वारा प्रेतआत्मा से भी कराया जा चुका है मनरेगा का कार्य। ऐसे एक दर्जन मजदुर जिनकी मौत होने के बाद भी कार्य दिवस का उल्लेख कर फर्जी मस्टररोल तैयार कर तालाब निर्माण की राशि का किया बंदरबाट। ऐसे सचिव पर प्रशासनिक अधिकारी भी मेहरबान है। सचिव को कार्रवाई से बचाने अधिकारी नेता दे रहे जांच का हवाला। उक्त सचिव से इतनी दहशत की प्रशासनिक अधिकारी भी पंगु बने हुए है और आनन फानन में उक्त सचिव को उसके चहेते नेता के गृहग्राम तबादला कर दिया गया है।

कोटा विकासखंड के धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र का कोई ऐसा पंचायत नहीं है जहा कागजों में विकास कार्यों को अंजाम दिया गया हो जिसमें एलमपल्ली पंचायत के पूर्व सचिव इन दिनों सुर्खियों में है लेकिन प्रशासनिक संरक्षण के कारण अब तक कोई कार्रवाई नहीं फर्जी मस्टररोल तेयार कर राशि का बंदरबाटःशासन की छवि को बदनाम करने वाला एलमपल्ली के पूर्व सचिव पर प्रशासनिक अधिकारी भी मेहरबान है। जानकारी के अनुसार जून में लॉकडाउन के समय स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 5 तालाब की स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसमें मनरेगा के तहत कार्यों को अंजाम दिया जाना थावहां के पूर्व पंचायत सचिव जो वर्तमान में जिला पंचायत के अध्यक्ष के गृहग्राम गादीरास में तबादला कराकर पदस्थ है। सचिव के द्वारा अधिकांश कार्य मशीनों से कराया गया था। मस्टररोल में ऐसे एक दर्जन से अधिक मजदूरों का नाम उल्लेख कर राशि का आहरण किया गया है जिनकी मौत हो चुकी मृत व्यक्तियों के नाम से राशि का आहरण कर जमकर राशि का बंदरबाट किया है यह आरोप वहां के सरपंच हिमानी मरकाम ने लगाया है। मृत व्यक्तियों के अलावा ऐसे दर्जनों व्यक्तियों के नामों का उल्लेख किया गया है जो वहां काम ही नहीं किये है।

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जांच फाइलों में बंदः

एलमपल्ली के सरपंच के द्वारा मनरेगा कायों में हुई अनियमितता मूलभूत रशि की बंदरबाट सहित जून 2018 से जुलाई 2020 तक के कराये गये कार्यों की आंच की मांग की गई थी। शिकायत के आधार पर पांच सदस्यीय टीम भी गठित की गई थी जिसकी जांच रिपोर्ट छह माह पूर्व ही जिला पंचायत सीईओ के माध्यम से कलेक्टर सुकमा को सौंपा जा चुका है लेकिन आज दिनांक तक न तो कुछ कार्रवाई हो पाई है और न ही सरपंच के जांच को लेकर अवगत कराया जा सका है। कार्रवाई करने के बजाये जांच रिपोर्ट फाईलों में बंद कर दी गई है।

जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपा

सुकमा जिला पंचायत सीईओ से जब मामले को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट कलेक्टर साहब को सौंप दी गई है। मामला टीएल बैठक में चल रहा है जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद मामला टीएल बैठक में रखना समझ से परे है।

साहब रहे व्यस्त,नहीं हुआ संपर्क:

उक्त मामले को लेकर क्या कार्रवाई हुई के संबंध में सुकमा कलेक्टर से संपर्क कर जानने का प्रयास किया गया तो साहब के मोबाईल की घंटी बजती रही लेकिन फान नहीं उठाया जिसके चलते जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी। वाट्सअप के माध्यम से भी संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं मिल पाया।

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दोषी पाये जाने पर होगी कारवाई:

जिला पंचायत अध्यक्ष लखमा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है जांच रिपोर्ट आने के बाद सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

अधिकारियों ने अध्यक्ष को रखा अधेर में कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला सीईओ के माध्यम से जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जा चुकी है लेकिन अध्यक्ष अभी भी जांच जारी है का हवाला दे रहे है। अध्यक्ष को जिला पंचायत के कार्यप्रणाली से या तो अवगत नहीं कराया जाता या फिर भी अध्यक्ष सचिव को बचाने जांच चल रही है का हवाला दे रहे