07 सूत्रीय मांगों को लेकर बालोद जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया

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आज दिनांक 13-09- 2021 को आंगनबाड़ी कर्मियों की 07 सूत्रीय मांगों को लेकर बालोद जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया आज सुबह से ही खराब मौसम के बावजूद आंगनबाड़ी कर्मियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला आंगनबाड़ी कर्मीयो को शासकीय कर्मचारी घोषित करने एवं जब तक शासकीय कर्मचारी न हो आंगनबाड़ी कर्मियों को न्यूनतम वेतन 18000/-एवं सहायिका को 9000/- प्रतिमाह लागू करें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने सहित अन्य बिंदुओं पर सरकार का ध्यान आकर्षण करने हेतु राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया और प्रधानमंत्री मंत्री के नाम जिलाधीश के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया । भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा पूरे देश में वर्ष 1975 से आंगनबाड़ी केंद्रों के समेकित महिला एवं बाल विकास योजनाओं का संचालन हो रहा है जिसमें 2500000 से भी ज्यादा की संख्या में आंगनबाड़ी कर्मी कार्यरत है तथा इस योजना को सफलीभूत कर रहे हैं जिसके अंतर्गत 0 माह से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के पोषण माह प्रारंभिक स्वास्थ्य की देखभाल पूरक पोषण

आहार उपलब्ध कराने शिशु स्तनपान, गर्भवती माताओं को, 0 माह से 6 वर्ष के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी पोषण आहार विटामिन ,प्रोटीन उपलब्ध कराने का कार्य ,बाल संदर्भ सेवाओं का कार्य केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत आंगनबाड़ी कर्मियों के द्वारा किया जा रहा है इसके अलावा राज्य शासन के द्वारा बीएलओ ,आर्थिक जनगणना जनगणना, पल्स पोलियो, फाइलेरिया, राशन कार्ड ओडीएफ,कोविड-19 सर्वे डोर टू डोर, वैक्सीनेशन के प्रचार प्रसार आदि का कार्य आंगनबाड़ी कर्मियों से संपन्न कराया जाता है 8 घंटे से भी अधिक का कार्य आंगनबाड़ी कर्मियों को करना पड़ता है इस प्रकार आंगनबाड़ी कर्मियों को सभी प्रकार के शासकीय कार्य करने के बाद भी आज तक शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं किया गया है ना ही अब तक न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जा रहा है केवल अल्प मानदेय का भुगतान ही आंगनबाड़ी कर्मियों को प्राप्त हो रहा है एवं न ही किसी प्रकार से सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही ।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षण करवाने हेतु आज 13 सितंबर 2021 एक दिवसीय धरना, प्रदर्शन किया गया।

इन सात मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया

1.आंगनबाड़ी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी घोषित कर सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाये।

2.आंगनबाड़ी कर्मियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 18000/- सहायिका को 9000/-प्रतिमाह भुगतान किया जाये।

3.नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में बदलने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्री प्राइमरी टीचर व सहायिका को प्री प्राईमरी असिस्टेंट टीचर में शिक्षण के अनुभव पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए प्रशिक्षण देकर पदोन्नति की जाये।

4.आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत कर्मियों को भविष्यनिधि , जीवन निर्वाह भत्ता सेवानिवृत्त भत्ता, उनके एवं उन पर आश्रितों को चिकित्सा सुविधा, उनके बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा लागू की जाये।

5.मिनी आंगनबाड़ियों को मेन आंगनबाड़ी में बदला जाये व सहायिका नियुक्त की जाये।

6.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की 9 माह की एरियर्स राशि का भुगतान जल्द आंगनबाड़ी कर्मीयो के खाते में किया जाये।

7.पोषण ट्रैकर में कार्य करने हेतु एंड्राइड फोन, सिम, इंटरनेट खर्च की निर्धारित राशि का भुगतान किया जाये।

धरना प्रदर्शन बालोद बस स्टैंड में निर्धारित स्थान पर किया गया और इसमें सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका शामिल हुए ये जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साहियका संघ की प्रदेश महामंत्री शामिल हुए।

उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बालोद जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती आयशा खान ने संबोधित किया और कहा कि सब को संगठित होकर ईस लडाई को लडनी है जीत हमारी होगी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला महामंत्री माधुरी रथ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज पुरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की बहनें एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में शामिल हैं।और जिले की बहनें भी खराब मौसम के बावजूद धरने में शामिल होने के लिए दूर-दूर से आईं हैं में आप सभी धन्यवाद करती हूं और आशा करती हूं कि आने वाले समय में जब भी भारतीय मजदूर संघ का आह्वान होगा हम सब एकजुटता के साथ धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे।

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अंतिम वक्ता के रूप में सभा को संबोधित करते हुए जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि आप सभी महिला शक्ति को नमन है जो आज अपने अधिकारों की लडाई के लिए खराब मौसम में भी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए हैं ।और आपकी उपस्थिति ही ईस बात का प्रमाण है कि सरकार को आपकी जायज मांगों को मानना होगा, आज चाहे केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का कार्य अगर कोई पूरी ईमानदारी से कर रहा है तो वह हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ही है, सरकार में ईनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता है। लेकिन बदले में सरकार ईनको उनके कार्य के हिसाब से वेतन और न ही सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। नियमतीकरण का मामला सालों से लंबित है, वेतनमान बढ़ाने पर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। आगे जिला मंत्री ने उपस्थित बहनों से कहा कि आपकी मांगों को सरकार का मानना होगा और अगर सरकार ईसमे आनाकानी करती है तो भारतीय मजदूर संघ आर पार की लडाई लडने से भी पीछे नहीं हटेगा।

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भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री ने ईस धरने को सफल बनाने के लिए जिले के सभी यूनियनों के अध्यक्ष और महामंत्रियों को धन्यवाद दिया और ।साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साहियका संघ के बालोद जिले की अध्यक्ष आयशा खान और महामंत्री माधुरी रथ के साथ साथ सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी ।

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इस एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से बालोद जिला भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष रामेश्वर साहु, जिला उपाध्यक्ष बीना सुरेन्द्र, कोषाध्यक्ष आशा पटेल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष आयशा खान, महामंत्री माधुरी रथ, और बालोद परियोजना से प्रमुख रुप से लक्ष्मी पटेल, कुमुदुनी देशमुख, संगीता यादव, सुनीता साहू, दामिनी सिन्हा,गुंडरदही सेक्टर से कमला चन्द्राकार, मनीषा, हेमलता यादव,सरीता चतुर्वेदी, यशोदा, दल्ली सेक्टर से लक्ष्मी डोंगरे, आशाबती साहू,फूलबासन, संतोषी, वीणा धनकर और सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने ईस एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।