बात निकली है तो दूर तलक जायेगी…भाजपा को हाथ खाली होने पर याद आती है धर्म की थाली?

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर कड़ा हमला बोलते हुए राष्ट्रीय राजनीति में खलबली मचा दी है कि ये लोग धर्म की दलाली करते हैं और इधर छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अभी से अपने चुनावी एजेंडे का संकेत दे दिया है कि अगले विधानसभा चुनाव में धर्मांतरण का मुद्दा भी फोकस में रखने वाली है। भाजपा अब राज्य में धर्मांतरण को मुद्दा बनाकर चिंता कर रही है। यह चिंता उसके चिंतन में भी दिखाई दी। बस्तर, सरगुजा अंचल में धर्मांतरण कोई नई बात नहीं है। यह तो दशकों से होता आ रहा है। तभी तो आदिवासी अंचलों में धर्मांतरण होता रहा और कहीं कोई हल्ला नहीं मचा। भाजपा जब विपक्ष में होती है तब उसे धर्मांतरण की चिंता सताती है और जब वह सत्ता में थी तो जैसे छत्तीसगढ़ में राम राज स्थापित था! सुकमा पुलिस अधीक्षक के हवाले से आई एक जानकारी को भाजपा ने राजनीतिक मुद्दे के तौर पर लपक लिया कि धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। तो, क्या ये कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के अढ़ाई साल के कार्यकाल में बढ़े या भाजपा की रमन सिंह सरकार के पंद्रह सालों के राज में बढते चले गए अथवा राज्य की पहली सरकार के तीन साल और उससे पहले मध्यप्रदेश के जमाने में क्या धर्मांतरण नहीं हुआ? इक्कीस साल के छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल तो भाजपा ने चैन की बंसी बजाई है। राज्य गठन के बाद बंटवारे में मिली कांग्रेस की अजीत जोगी सरकार को पहले ही चुनाव में जनता ने रुखसत कर दिया था। अब कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार का भी अभी तीन साल नहीं हुआ है तो जाहिर है कि भाजपा के पंद्रह साल के राज में धर्मांतरण थमा नहीं था। कदाचित इस पर हल्ला नहीं मच रहा था क्योंकि धर्म रक्षा के कथित सेनानी सत्ता में बैठे थे और कांग्रेस का तो इतिहास ही रहा है कि उसका हाथ, सबके साथ! ऐसे में भाजपा के पंद्रह साल के साम्राज्य में इस बाबत जो कुछ हुआ, उस पर कोई सियासी हंगामा खड़ा नहीं हुआ।

भाजपा इस राज्य की पहली सरकार के समय मुखर रही और जब अब फिर कांग्रेस की सरकार है तो भाजपा को धर्मांतरण की सुध आ रही है! इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही यह कह चुके हैं कि धर्मांतरण का कोई भी मामला हो तो बताएं, कार्रवाई की जायेगी। कांग्रेस कह रही है कि भाजपा मुद्दा विहीन है, इस लिए ऐसी राजनीति कर रही है। इधर भाजपा देश धर्म की रक्षा के लिए हजारों बलिदान कर देने की सियासी गर्जना कर रही है। राजधानी रायपुर से लेकर बस्तर इलाके सहित सरगुजा अंचल में धर्मांतरण को मुद्दा बनाकर भाजपा कांग्रेस को घेरने की तैयारी में है तो कांग्रेस उससे पंद्रह साल का हिसाब पूछ रही है। ऐसा संकेत है कि इस मुद्दे पर भाजपा की मैदानी राजनीतिक मुहिम रायपुर से शुरु होकर वनांचलों तक जायेगी। भाजपा की सियासी नजर आदिवासी वोट समूह पर है तो धर्मांतरण का मुद्दा दोनों तरफ धार वाला हथियार भी साबित हो सकता है। बहरहाल रायपुर से खबर है कि भाजपा के राज में बस्तर के प्रभारी रह चुके बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि देश धर्म की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो भाजपा हजारों बलिदान देगी। पूर्व मंत्री राजेश मूणत कह रहे हैं कि धर्म रक्षक अकेले नहीं हैं। पूरी भाजपा उनके साथ है। अंजाम तक पहुंच कर ही अभियान थमेगा। भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक सेवा और समर्पण अभियान चलाएगी। रायपुर में धर्मांतरण के मामले में भाजपा ने गिरफ्तारी देने का भी ऐलान किया है। यानी मोदी के जन्मोत्सव के सिलसिले में भाजपा सेवा और समर्पण अभियान के दौरान इस मुद्दे के प्रचार प्रसार पर केंद्रित रहेगी। यहां बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा हाल ही भाजपा राज के मंत्रियों के नाम गिनाकर यह बानगी भी बता चुके हैं कि भाजपा राज के मंत्री किस तरह हेलीकॉप्टर में उड़कर जनसेवा और समर्पण किया करते थे। वैसे जब धर्मांतरण पर राजनीति शुरु हो ही गई है तो यह काफी आगे तक जायेगी।