मामला वीट हार्वेस्टिंग मशीन के ख़रीदी में नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए भ्रष्टाचार के आरोप का, भाजपा पार्षदों ने ही दे दिया क्लीनचिट
जगदलपुर नगर पालिक निगम द्वारा दलपत सागर को जलकुंभियों से मुक्त करने जो वीट हार्वेस्टिंग मशीन ख़रीदी में विपक्ष आरंभ से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है, मामले में अब तो नया मोड़ आ गया है। शिवसेना के ज़िला डॉ. अध्यक्ष अरुण पाण्डेय् ने व्यंग करते कहा कि नगर पालिक निगम , जगदलपुर के नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय् द्वारा जो हल्ला मचाकर दलपत सागर के जलकुंभियों को काटने वीट हार्वेस्टर मशीन के ख़रीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था अब वे सही हैं.. या जांचदल में शामिल वे भाजपा पार्षद जिन्होंने नगर निगम प्रशासन को किसी तरह के भ्रष्टाचार ना होने की क्लीन चिट दे दिया है, अब यह कौन साबित करेगा ?
विचारणीय तथ्य यह हैकि निगम प्रशासन के ऊपर लगे आरोपों के बावजूद भ्रष्टाचार की जांच हेतु गठित दल में भाजपा – कांग्रेस के पार्षदों को शामिल करने का क्या उद्देश्य रहा होगा ? शिवसेना ने सवाल उठाया कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा गंभीर आरोप व अनेकों बार दावा के बावजूद निगम या ज़िला प्रशासन द्वारा संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच हो सके इस बाबत् मजिस्ट्रेट स्तर के सक्षम निडर अधिकारी के नेतृत्व में जांचदल क्यों नही बनाई है?
गौरतलब होकि नेता प्रतिपक्ष ने तो लगभग 45 लाख की मशीन होने का भी दावा प्रस्तुत किया था, साथ ही पुरानी मशीन को रिपेयरिंग करवा कर ख़रीदी हुई है यह भी उनका आरोप था। अब मामले में कांग्रेसी महापौर सफ़िरा खान को क्लीन चिट भाजपा के ही पार्षदों ने दिया है। शिवसेना ने नगर निगम के आयुक्त से यह सवाल पूंछा हैकि आख़िर इस तरह की राजनीति पर वे अंकुश लगाने के बदले हां में हां मिलाकर जगदलपुर की जनता के साथ कब तक धोखाधड़ी करते रहेंगे ? समय रहते उन्हें स्वयं के कार्यशैली में सुधार ले आना चाहिए।