16 दिसंबर को सेल में हड़ताल, सीटू ने दिया नोटिस ।

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एनजेसीएस की मूल अवधारणा के खिलाफ सेल प्रबंधन द्वारा बहुमत के आधार पर किए गये आधे अधूरे वेतन समझौते से सेल कर्मचारी बेहद खफा व आक्रोशित हैं।इस समझौते मे कई कर्मचारी विरोधी प्रावधानों के कारण सीटू ने समझौते पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। फिर भी प्रबंधन ने तीन यूनियनों द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू के आधार पर वेज रिवीजन आदेश जारी कर नया वेतनमान लागू कर दिया है। जिससे कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है । वहीं अधिकारियों का समग्र वेतन संशोधन लागू कर पूर्ण लाभ दिया गया है । सेल प्रबंधन की इस प्रकार कर्मचारी विरोधी भेदभाव पूर्ण नीति के खिलाफ सीटू ने पूरे सेल मे 16 दिसंबर 2021 को हडताल की घोषणा कर दी है । जिसके लिये आज 29/11/2021 को सेल की सभी इकाइयों में हडताल नोटिस प्रबंधन को दिया गया है ।

इसी तारतम्य मे आज स्थानीय हिन्दुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू के नेतृत्व मे खदान कर्मियों ने माइंस आफिस गेट के समक्ष दो घंटे तक प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए प्रबंधन को हडताल नोटिस सौंप दिया।

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प्रदर्शन के दौरान यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि वेतन वार्ता प्रारंभ होते ही सीटू ने स्पष्ट तौर पर मांग की थी कि 1/1/2017 से पूरा एरियर्स, ग्रेज्युटी सीलिंग, व ठेका श्रमिकों की वेतन बढोतरी के मामले मे प्रबंधन की स्पष्ट राय के बिना समझौता करना सेल कर्मचारियों के हित मे नहीं होगा । फिर भी प्रबंधन की कुटिल चाल मे फंसकर तीन यूनियनों ने जो समझौता किया उसमें कर्मचारियों को 40 माह के एरियर्स की लाखों रूपये की राशि नहीं मिल पायी।ओपेन एंडेड स्केल न होने से 3% इंक्रीमेंट का पूरा लाभ भी नहीं मिला।कर्मचारियों को मिलने वाली सभी प्रकार की सबसिडी भी बंद कर दी जा रही है । 10 वर्षिय वेतन समझौता होने के बावजूद मात्र 13% एमजीबी जिसपर सीटू को छोड़ कर अन्य सभी यूनियन ने सहमति दिया था इसके साथ न्यूनतम 28% पर्क्स भी नहीं मिला

पर्क्स एरियर्स में भी बडा नुकसान ।

अधिकारियों को पर्क्स एरियर्स का भुगतान अप्रैल 2020 से किया गया है और कर्मचारियों को यह राशि 18 नवम्बर 2021 से भुगतान की गई है। इससे कर्मचारियों को एक बड़ी राशि का नुकसान झेलना पड रहा है।

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माइंस कर्मियों को पुराने बेसिक पर ही डासा का भुगतान।

तथाकथित वेज रिवीजन के बाद भी प्रबंधन ने खदान कर्मचारियों को मिलने वाले डिफिकल्ट एरिया एलाउंस का भुगतान पुराने बेसिक पर ही किया है। पिछले वेज रिवीजन के दौरान भी यही स्थिति पैदा हुई थी तब सीटू पर आरोप लगाया गया था क्योंकि उस समय सीटू खदानों में मान्यता यूनियन थी । इस बार तो सीटू ने समझौते पर हस्ताक्षर भी नहीं किया है तो निश्चित रूप से समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले लोग और प्रबंधन ही इसके लिए सीधे जिम्मेदार हैं।

ठेका श्रमिकों ने भी की थी 30 जून की हड़ताल फिर भी कुछ नहीं मिला।

यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि सेल मे 30 जून को हुई हड़ताल मे सभी यूनियनों ने ठेका श्रमिकों को भी यह कहते हुए हड़ताल में शामिल किया था कि एनजेसीएस मे उनकी भी वेतन बढोतरी पर समझौता होगा, लेकिन हस्ताक्षर करने वाले लोग समझौता करते समय इन्हें भूल गए। जबकि सीटू ने बार बार कहा कि ठेका मजदूरों को नजरअंदाज कर समझौता करना उचित नहीं होगा।

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सेल प्रबंधन एकतरफा निर्णय लेने पर आमादा।

तीन यूनियनों द्वारा बहुमत से किए गये वेतन समझौते के बाद से सेल प्रबंधन लगातार कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रहा है। 26 नवम्बर को प्रबंधन ने एक आदेश जारी कर कर्मचारियों की ग्रेज्युटी सीलिंग कर दी जिससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के समय 5 से 10 लाख रुपये का सीधा नुकसान होना तय है ।इसी तरह प्रबंधन ने यूनियनों से चर्चा किए बगैर ही पेंशन अंशदान मे बदलाव करने का आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश भी भेदभावपूर्ण है।

प्रबंधन की इसी तरह की कर्मचारियों विरोधी, निरंकुशतावादी, भेदभावपूर्ण नीतियों से हुए वेतन समझौते मे कर्मचारी हितों के अनुरूप संशोधन की मांग को लेकर सीटू द्वारा 16 दिसंबर 2021 को पूरे सेल में हडताल के साथ लौह अयस्क समूह राजहरा मे भी हडताल संबंधित नोटिस स्थानीय प्रबंधन को सौंपा गया।

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आज के प्रदर्शन में उपस्थित सैकडों श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए 16 दिसबंर की हड़ताल को पूर्ण रुप से सफल बनाने का संकल्प लिया।