जगदलपुर – रायगढ़ में गत 11 फरवरी की दोपहर तहसील कार्यालय में कुछ अधिवक्ताओं द्वारा तहसील कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 व अन्य व्यक्ति यों के साथ गाली-गलौच मारपीट की शिकायत तहसील कार्यालय रायगढ़ द्वारा थाना चक्रधरनगर में की गई. इस पर आरोपित अधिवक्ताओं पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था. तहसील कार्यालय में मारपीट की घटना के बाद एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में तेजी से वायरल हो हो रहा है. गौरतलब है कि जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय में एक अधिवक्ता से दुर्व्यवहार और बलपूर्वक उसे दफ्तर से बाहर निकाले जाने से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए तहसील कार्यालय के सामने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इसी दौरान आ्क्रोशित अधिवक्ताओं ने यहां उन कर्मचारियों की पिटाई कर दी जिन्होंने, अधिवक्ता को कार्यालय से बाहर निकाला था. इसके बाद तहसील के कर्मचारियों ने दफ्तर बंद कर अधिवक्ताओं के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया. कर्मचारी मारपीट करने वाले अधिवक्ताओं पर अपराध दर्ज किए जाने की मांग करते हुए चक्रधर नगर थाने में हंगामा किया वहीं, अधिवक्ताओं ने दुर्व्यवहार करने वाले तहसीलदार व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए चक्रधर नगर थाने में भी विरोध प्रदर्शन किया गया. मामले में राज्य के अधिवक्ता संघ ने भी जमकर विरोध प्रदर्शन जारी रखा है.
इधर अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य के राजस्व कोर्ट में भारी भ्रष्टाचार है. यह स्थिति केवल रायगढ़ राजस्व कोर्ट की नहीं बल्कि सभी जगह है. राजस्व कोर्ट में बोलियां लगती हैं और फैसले बेचे जाते हैं. लोगों की भावनाओं, न्याय और फैसलों की खरीदी-बिक्री होती है. इन स्थितियों में इन कोर्ट का अधिवक्ता लगातार बहिष्कार करता रहेगा. वकीलों ने कलेक्टर से मिलने से ये कहते हुए गत रविवार को इनकार कर दिया था कि पहले गिरफ्तार वकीलों को रिहा किया जाए तब बात होगी. वकीलों ने रविवार को पूरे घटनाक्रम के विरोध में रैली निकाली थी. इसी क्रम में गुरुवार को बस्तर जिला अधिवक्ता संघ ने भी एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया है.
बस्तर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विनय चन्द्र पटजोशी ने बताया कि उक्त घटना निंदनीय है और राजस्व न्यायालयों का बहिस्कार किया जा रहा है. अधिवक्ता साथियों के साथ तहसीलदार द्वारा दुर्व्यवहार किया गया है, झूठा रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें फंसाया जा रहा है. यही नहीं प्रशासनिक अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष ने अधिवक्ताओं को भ्रष्टाचार की प्रथम सीढ़ी और यही से भ्रष्टाचार शुरू होने की बात सोशल मीडिया में कही है. इन सब बातों से अधिवक्ता संघ आक्रोशित है. इन सब बातों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. संघ की मांग है कि प्रांताध्यक्ष के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज होनी चाहिए. इसी क्रम में आगामी 12 मार्च 2022 को होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत का भी बहिष्कार का निर्णय लिया है.