रेडी टू ईट को लेकर सदन में हंगामा, विपक्ष का आरोप, महिलाओं का रोजगार छीना जा रहा

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मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष गर्भगृह में उतरा, निलंबित

रायपुर। विधानसभा में रेडी टू ईट को लेकर काफी हंगामा हुआ। भाजपा के विधायकों ने इसे महिलाओं से काम छीनने वाला बताकर इसकी जांच की मांग की। प्रदेश में आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले भोजन को अब महिलाओं का समूह नहीं, बल्कि कुछ सेंट्रलाइज्ड एजेंसियां तैयार कर रही हैं, इसका ही विरोध भाजपा ने किया है। विपक्ष के विधायकों ने मांग रखी कि रेडी टू ईट का काम महिला स्व सहायता समूह को वापस दिलाया जाए। मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा, जांच की कोई जरूरत ही नही है, सुप्रीम कोर्ट के कहने पर कार्य किया जा रहा है। मंत्री के बायन के बाद विपक्ष के सभी सदस्य गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। गर्भगृह में आने से भाजपा के 13 विधायक स्वयंमेव हो गए। सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित की गई, बाद में इनका निलंबन वापस ले लिया गया।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक रजनीश कुमार सिंह और शिवरतन शर्मा पूछा कि इस मामले पर विधायक रजनीश सिंह ने सदन में सवाल उठाया के की क्या प्रदेश में रेडी-टूटी वितरण व्यवस्था में परिवर्तन किए जाने के लिए निर्देश दिए गए है इसका कैबिनेट में निर्णय लिया गया है यदि हो तो इसके संबंध में क्या निर्देश दिए है और यह व्यवस्था में लागू की जाएगी ? बीज निगम के साथ अनुबंध किया गया है। अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराये क्या बीज निगम का अपना प्लांट है और वह प्लाट कार्यरत है इसका में कितनी महिला समूह का कार्य छीना जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने कहा, कैबिनेट की बैठक में 22 नवंबर 2021 में निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में प्रचलित पूरक पोषण आहार व्यवस्था अंतर्गत ईट फूड निर्माण एवं वितरण का कार्य स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के स्थान पर अब राज्य कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित यूनिट के माध्यम से किये जाने का निर्देश दिए गए हैं। यह यूनिट रायगढ़ जिले में कार्यरत है। नवीन व्यवस्था प्रक्रियाधीन होने के कारण महिला स्व सहायता समूहों की नियत संख्या बताया जाना संभव नहीं है। प्रदेश में 1 अप्रैल से यह व्यवस्था में लागू की जाएगी।

बीज निगम का 26 और कंपनी को 74 प्रतिशत शेयर

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि एक निजी व्यक्ति को काम देने सुप्रीम कोर्ट का आड़ लेकर यह काम किया जा रहा है। बीज निगम के द्वारा पीबीएस फूड्स प्रायवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध एवं शेयर होल्डर एग्रीमेंट में संयुक्त उपक्रम छत्तीसगढ़ एग्रो फूड कारर्पाेरेशन लिमिटेड का गठन किया गया है। कंपनी में बीज निगम दो संचालक ओर संयुक्त उपक्रम सीजी एग्रो के दो संचालक नईदिल्ली के शिशिर रावत और फरीदाबाद के सुरेंद्र सिंह हैं। इसमें बीज निगम का 26 और पीबीएस का 74 प्रतिशत शेयर है। उन्होंने कहा कि यि खुला भ्रष्टाचार है, इसकी जांच करानी चाहिए।

रायगढ़ कारखाना बंद, भौतिक सत्यापन कराएं

नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक और बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, रायगढ़ का कारखाना बंद पड़ा है। मंत्री से प्लांट का भौतिक सत्यापन कराने की मांग रखी। ग्रामीण महिलाओं ने लोन लेकर मशीन खरीदी है। इसके माध्यम से उद्योग चलाना सीख रही है उनसे काम छीनने की कोशिश हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने हायजिन फूड उपलब्ब्ध कराने और महिला समूहों को काम बंद करने नहीं कहा है। सरकार इसके बहाने 20 हजार महिला समूहों से काम छिनने का प्रयास कर रही है।