कोंटा में कांग्रेस का विजय रथ रोकने अमेठी मॉडल पर चर्चा, क्या दिपिका सोरी बनेगी स्मृति ईरानी

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सुकमा जिले में गोलबंदी अभियान में जुटी नेत्री

जगदलपुर। विगत कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी का विजय रथ कवासी लखमा थामें हुए हैं और इनको रोकने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पुरेंदश्वरी ने अमेठी मॉडल लागू करने पर विचार कर रही है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के अभेद किले अमेठी में राहुल गांधी को हराकर स्मृति ईरानी ने हरा दिया था और महिला नेत्री दीपिका सोरी की पैठ लगातार बढ़ रही है क्योंकि वह पार्टी के लिए जमीन स्तर पर कार्य कर रही है।

सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा में इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अंदरुनी तौर पर सक्रिय है और इनकी महिमा विंग की पदाधिकारी दिपीका सोरी हर उस जगह पहुंच रही हैं जहां उस क्षेत्र का भाजपाई पदाधिकारी नहीं पहुंच रहा है जिसके कारण दिपीका सोरी पर भाजपा भरोसा जताकर चुनाव लड़ा सकती है। भाजपा को खोने के लिए कुछ नहीं है जिसके कारण वह इस क्षेत्र में अपनी ताकत ज्यादा दिखाने के बजाए महिला को आगे कर सकता है।

कलेक्टर घेराव में आरएसएस का हाथ, कांग्रेसी मुगालते में

विधायक कवासी लखमा व उसके सहयोगी इन दिनों मुगालते में है कि लखमा अजेय योद्धा हैं और अपने क्षेत्र को भाजपाई विचारधारा के लोगों को आगे बढ़ाया जा रहा है। वहीं तेलगु भाषी महिला डी पुरंदेश्वरी के बैठक के बाद भाजपाईयों में एक आस जगी है तो कल जो कलेक्ट्रेट घेराव का मामला सामने आया है उसके पिछे अंदरुनी क्षेत्र के आरएसएस के लोगों की जुगलबंदी के कारण बड़ा प्रदर्शन इतिहास में पहली बार हो गया जिसको खुफिया एजेंसियों ने नोटिस भी नहीं किया और आंदोलन को विफल करने का प्रयास भी नहीं किया गया है।