केंद्रीय मंत्रियों के दौरों के मुकाबले बस्तर में कवासी लखमा हैं न…

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने केंद्रीय मंत्रियों के छत्तीसगढ़ दौरे पर अपने अंदाज में हमला बोला है। वैसे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित समूची कांग्रेस अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि जब छत्तीसगढ़ का पैसा नहीं दे रहे हैं तो यहां क्यों आ रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र के मंत्री राजनीतिक पर्यटन पर आ रहे हैं। बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि प्रदेश में 11 में से 9 लोकसभा सांसद भाजपा के हैं। इसके बावजूद 9 केंद्रीय मंत्रियों को छत्तीसगढ़ भेजकर केंद्र सरकार क्या संदेश देना चाहती है, यह छत्तीसगढ़ की जनता समझ रही है। खैरागढ़ में भी केंद्र के दो मंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा के समर्थन में प्रचार में पहुंचे थे लेकिन जनता ने कांग्रेस को जीत दिलाई। छत्तीसगढ़ की जनता का भरोसा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर है। यहां केंद्रीय मंत्रियों का स्वागत है लेकिन उनकी दाल नहीं गलेगी। उनका दौरा पूरी तरह से अगले साल होने वाले चुनाव के पहले की कसरत है। प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि यूपीए सरकार के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीआरजीएफ में पंचायतों को करोड़ों रुपया दिया था, जिसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने बंद कर दिया। प्रधानमंत्री दो बार जावंगा और जांगला आए लेकिन बस्तर को कोई सौगात नहीं मिली। आज पंचायतों को राशि बंद होने से विकास कार्यों के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।छत्तीसगढ़ के 9 भाजपा सांसद और 15 साल सत्ता में रहकर राज करने वाले नेताओं पर लगता है केंद्र सरकार को भरोसा नहीं है। इसीलिए छत्तीसगढ़ में बाहरी नेताओं का दौरा और उन पर भरोसा भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है।

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कवासी लखमा का कहना है कि बस्तर के सभी उपचुनाव और खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने यह साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जितनी भी योजनाएं हैं, वह सब जमीन से जुड़े लोगों के हित में हैं। इसलिए लगातार कांग्रेस पर जनता का भरोसा कायम है, मुख्यमंत्री ने हर वर्ग की चिंता की। बस्तर के आदिवासियों का जीवन वनोपज पर आधारित है। इसलिए सबसे पहले तेन्दूपत्ता की दर 4 हजार रुपये की गई जो सबसे ज्यादा है। इसके अलावा लघु वनोपज के जितने भी वन उत्पाद बस्तर में आदिवासी और गरीब ग्रामीण संग्रहण करते हैं, उनका मुख्यमंत्री ने न केवल समर्थन मूल्य घोषित किया है बल्कि उसकी खरीदी की व्यवस्था भी की है। साथ ही वन उत्पाद से उत्तम क्वालिटी का सामान बनाकर उसकी पैकेजिंग और मार्केटिंग दोनों कर हजारों लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। अब यहां का उत्पाद पैकेट और बोतल में देश दुनिया में पहुंच रहा है। यही कारण है कि आदिवासी क्षेत्र की जनता भूपेश सरकार से खुश है। श्री लखमा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पर ही जनता भरोसा कर रही है। इसलिए भाजपाईयों को अन्य प्रदेश में अपनी ताकत लगानी चाहिए। 9 मंत्री छत्तीसगढ़ आकर यदि जनता को सौगात देते हैं तो ही उनका आना सार्थक होगा। बस्तर की सभी 12 विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं। जो अपने-अपने क्षेत्र में जनता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। सभी लोग राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचा रहे हैं। स्वयं मुख्यमंत्री पूरे छत्तीसगढ़ का दौरा कर सीधे जनता से रूबरू हो रहे हैं। इसलिए कांग्रेस बस्तर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में मजबूत हैं। ऐसे में भाजपा के केंद्रीय नेताओं को दूसरी जगह मेहनत करनी चाहिए। कवासी लखमा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को पूरी तरह से जनता के हित में काम करने और गरीब जनता की भलाई के लिए शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने को कहा है। यही कारण है कि अब गांव का ग्रामीण सीधे दफ्तरों में और थानों में पहुंचकर बेखौफ होकर अपनी बात रख रहा है। कलेक्टर और एसपी गांवों में चौपाल लगाकर जनता की बात सुन रहे हैं। मुख्यमंत्री की कार्यशैली से पूरे छत्तीसगढ़ में लोगों की आमदनी बढ़ी है और जनता खुश है। मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर और आदिवासियों के विकास की जो झलक दिखाई है, उसकी चर्चा बस्तर में चल रही है कि यदि भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों के छत्तीसगढ़ दौरे से चुनावी तैयारी का खाका पेश किया है तो कांग्रेस भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पूरी तरह तैयार है। कवासी लखमा भी बस्तर में मोर्चाबंदी के लिए तैयार हैं। बस्तर में कांग्रेस का मखमली बिस्तर बिछा हुआ है और कोशिश है कि यह बिछा रहेगा। भले ही भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी बस्तर में कितना भी डेरा क्यों न डाल लें।