16 हजार स्व सहायता समूह से भूपेश सरकार ने छिनी रेडी टू ईट कार्य, हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर ठेकेदारों को सौंपा कार्य, कमिशन खोरी हावी
बस्तर जिले में 85 हजार और संभाग में साढ़े तीन लाख गर्भवती महिला और बच्चे को मिल रहा था रेडी टू ईट पोषण आहार का प्रत्यक्ष लाभ
कोरोना काल में बड़ी गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या, 1 वर्ष में 300 दिन पोषण आहार देना अनिवार्य, सिर्फ दाल चावल के भरोसे आंगनबाड़ी केंद्र
जगदलपुर/ पुरे प्रदेश सहित आदिवासी क्षेत्र बस्तर और सरगुजा संभाग के आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और 6 वर्ष से कम आयु वर्ष तक के बच्चों के लिए रेडी टू ईट अतिरिक्त पोषण आहार की शुरुआत पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने किया था, 1 अप्रैल 2022 से छत्तीसगढ़ में बंद पड़ी रेडी टू ईट मामले में सरकार को घेरते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार कमीशन खोरी की लालच में छत्तीसगढ़ के 23 लाख कुपोषित बच्चे और ढाई लाख गर्भवती महिलाओं के पोषण आहार पर डाका डालकर निजी कंपनी के ठेकेदारों को मालामाल करने और 16 हजार स्व सहायता समूह कार्यकर्ताओं के हाथों से काम छीनने का गंभीर आरोप लगाया।
आगे केदार कश्यप जी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार 25 लाख रेडी टू ईट अतिरिक्त पोषण आहार हितग्राहियों का हक मारने का काम कर रही है, ज्ञात हो कि प्रदेश में लगभग 33% बच्चे कुपोषित और 43% बच्चे एनीमिया से ग्रसित है कोरोना काल में पोषण आहार का समय पर वितरण नहीं होने से संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, रेडी टू ईट पोषण आहार का सुचारू वितरण 50 हजार 311आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 16000 सोलह का समूह कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा था जो कि गर्भवती बच्चों और कुपोषित बच्चों के लिए अति आवश्यक है प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने कमीशन की लालच में स्व सहायता समूह से वितरण बंद करा कर निजी कंपनी के ठेकेदारों को सौंपना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कश्यप ने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार मंत्री मौन है और अधिकारी औने पौने जवाब देकर मामले से बचने की कोशिश कर रहे हैं यह 23 लाख कुपोषित बच्चे और ढाई लाख गर्भवती महिलाओं के साथ अन्याय हैं।
1 अप्रैल से भूपेश सरकार ने बंद कराए रेडी टू ईट पोषण आहार, दाल चावल के भरोसे आंगनवाड़ी केंद्र
1अप्रैल से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट अतिरिक्त पोषण आहार का मिलना बंद है इस मामले में पूर्व मंत्री केदार कश्यप जी ने कहा कि 1 वर्ष में बच्चों को कम से कम 300 दिन तक पोषण आहार दिया जाना जरूरी है, दाल चावल से बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है प्रदेश सरकार को तत्काल प्रभाव से स्व सहायता समूह के माध्यम से रेडी टू ईट पोषण आहार का वितरण करवा कर व्यवस्था सुचारू करना चाहिए।
कांग्रेस सरकार में हाईकोर्ट के आदेश की धड़ले से अवहेलना, ठेकेदार प्रथा हावी
रेडी टू ईट पोषण आहार का वितरण राज्य सरकार ने बीज विकास निगम के माध्यम से निजी कंपनी को काम देने का फैला लिया है, हाई कोर्ट में 258 महिलाओं द्वारा दायर याचिका में कोर्ट ने सरकार से कहा कि अंतरिम आदेश तक स्व सहायता समूह के माध्यम से वितरण कराने को आदेशित किया है परंतु सरकार निजी कंपनी के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने में ज्यादा रुचि दिखा रही है।
कोरोना काल में बड़ी गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या, जिम्मेदार कोन
कश्यप ने कहा कि कोरोना काल में पोषण आहार का नियमित वितरण नहीं होने से गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या काफी बढ़ा हुआ है, पोषण आहार समय पर वितरण नहीं हुई तो कुपोषित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है परंतु सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं हैं।