शराब के मुद्दे पर विपक्ष ने दिखाए तेवर, जमकर नोंकझोंक

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज विपक्ष ने शराब के मुद्दे पर तीखे तेवर दिखाते हुए शराब की गुणवत्ता और बिना परमिट की शराब बेचे जाने का आरोप लगाकर सरकार को घेरने की कोशिश की। भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से जानना चाहा कि जांजगीर चाम्पा, रायगढ़ व बिलासपुर जिले में 31 मई 2022 की स्थिति में देशी विदेशी मदिरा दुकानों की कितनी संख्या है। क्या उक्त जिले में संचालित देशी व विदेशी मदिरा दुकानों में ग्राहकों से निर्धारित दर से अधिक दर तथा बिना बिल दिए शराब का विक्रय किया जा रहा है? क्या बिना परमिट के मदिरा का विक्रय किया जा रहा है? यदि हां तो बिना परमिट के मदिरा विक्रय से अब तक सरकारी खजाने को कितनी राशि की हानि हुई है? क्या उक्त जिलों में मदिरा दुकानों में शराब में पानी मिलाने स्तरहीन व घटिया शराब का वितरण किए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हां तो इन इस हेतु कौन दोषी है? दोषियों के विरुद्ध क्या क्या कार्रवाई की गई है? इस पर विभागीय मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया कि 31 मई 22 की स्थिति में जिला जांजगीर चांपा, रायगढ़ एवं बिलासपुर में देशी-विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या निम्नानुसार है जांजगीर चांपा में देसी दुकान 22, विदेशी दुकान 26, कंपोजिट16, रायगढ़ जिले में देसी दुकान 16, विदेशी 23, और कंपोजिट08, बिलासपुर जिले में देशी दुकान 25, विदेशी दुकान 26 और 15 कंपोजिट हैं। गौरेला पेंड्रा मरवाही की तीन विदेशी मदिरा दुकान का संचालन जिला बिलासपुर से किया जा रहा है।उक्त संख्या जिला बिलासपुर में संचालित दुकानों की संख्या में शामिल नहीं है। उक्त जिले में संचालित देशी व विदेशी मुद्रा दुकानों में ग्राहकों से निर्धारित दर से अधिक दर तथा बिना बिल दिए शराब का विक्रय नहीं किया जा रहा है। बिना परमिट के मदिरा का विक्रय नहीं किया जा रहा है। उक्त जिलों की मदिरा दुकानों में शराब में पानी मिलाने, स्तरहीन व घटिया शराब का विक्रय किए जाने की शिकायत प्राप्त शिकायत एवं की गई कार्रवाई की जानकारी उन्होंने दी। इस बार विपक्ष की ओर से सवालों की झड़ी लगा दी गई और यह भी कहा गया कि जब पेंड्रा मरवाही गौरेला जिले की मदिरा दुकान बिलासपुर से संचालित की जा रही है तो यह जिला बनाने की जरूरत क्या थी? विपक्ष की ओर से कहा गया कि जितनी शराब परमिट की बेची जा रही है उससे तीन गुनी ज्यादा शराब बिना परमिट के बिक रही है। शराब की क्वालिटी को लेकर सदन में काफी नोकझोंक हुई। इस बीच जमकर हाथ परिहास भी हुआ। शराब की गुणवत्ता की जांच के संदर्भ में भी सवाल उठे।