बीएसपी प्रबंधन और एल एम सी कमेटी के चेयरमैन डीएवी स्कूल में बच्चों की सुरक्षा प्रति नहीं है गंभीर, भारतीय मजदूर संघ

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डीएवी स्कूल के संबंध में लगातार मिल रही पालकों की शिकायत पर आज भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल डीएवी स्कूल निरीक्षण में पहुंचा । पालकों की शिकायत थी कि स्कूल में टायलेट की स्थिति बहुत ही ख़राब है साफसफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जाता है, बच्चों के क्लासरूम में छत से कभी भी प्लास्टर गिरने का खतरा बना रहता है, बच्चों के क्लासरूम में दीवारें पूरी तरह से सीपेज के कारण गिली है जिससे दीवारों पर कभी भी करेंट आने का खतरा बना हुआ है, स्कूल में जगह जगह पानी भरा हुआ है जिससे बच्चों के साथ कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है।


स्कूल के निरीक्षण में प्रतिनिधिमंडल के सामने बहुत सी बातें निकल कर सामने आई कि पालकों की शिकायत बिल्कुल सही है कि टायलेट की स्थिति बहुत ही ख़राब है एक टायलेट तो पूरी तरह से उपयोग के लायक़ नहीं है टायलेट में छत का प्लास्टर गिर गया है बिजली के तार लटक रहें हैं इससे ये बात पता चलती है कि गन्दे टायलेट के कारण स्कूल समय में बच्चे टायलेट नहीं जातें हैं और पूरे समय यूरीन रोककर रखते हैं जिससे यूरीन इंफेक्शन का खतरा बना रहता है और संघ को जानकारी मिली है कि स्कूल की एक बच्ची यूरीन इंफेक्शन से पीड़ित हों चुकी है। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जब बच्चों के क्लासरूम और लाइब्रेरी का निरीक्षण किया तो स्थिति डराने वाली थी क्लासरूम में छत का प्लास्टर कभी गिर सकता है और अभी जो लगातार बारिश होने के कारण दीवारें पूरी तरह गीली है जिसमें करेंट आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है जगह जगह क्लासरूम में पानी भरा हुआ है कुल मिलाकर स्कूल के टायलेट और क्लासरूम की स्थिति चिंताजनक है। और स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त है बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। संघ को जानकारी मिली है कि अभी कुछ दिनों पूर्व डीएवी प्रायमरी स्कूल के एक क्लासरूम में बच्चे जहां बैठते हैं उनके बैंच में छत से प्लास्टर गिर गया था अच्छी बात ये हुई कि उस समय वहां पर कोई बच्चा उपस्थित नहीं था। स्कूल में पीने के पानी की स्थिति भी ठीक नहीं है। एक पुराने १००० लीटर की टंकी लगी हुई है जो कि जर्जर स्थिति में है। साथ ही स्कूल प्रबंधन द्वारा अभी हाल ही में पानी के लिए आर.ओ लगाया है जिसमें इसी जर्जर और टूटे टंकी का पानी आता है।

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निरीक्षण उपरांत ईन सभी बिन्दुओं पर संघ के प्रतिनिधिमंडल ने डीएवी स्कूल की प्राचार्या से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि स्कूल के बिल्डिंग के मरम्मत और बिल्डिंग से संबंधित सभी कार्य कराने की जिम्मेदारी बीएसपी प्रबंधन की है ये बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल के साथ हुए अनुबंध में लिखा हुआ है। डीएवी स्कूल द्वारा बीएसपी प्रबंधन को 2020 से ही टायलेट की मरम्मत या नये टायलेट के निर्माण कराने लिखित पत्र दिया जाता रहा है और स्कूल के छतों से गिर रहे प्लासटरो के मरम्मत के लिए भी लिखा गया है और साथ ही एल एम सी कमेटी की बैठकों में प्रमुखता से ईस विषय को लिखित रूप से रखा जाता रहा है।
संघ की जानकारी अनुसार एल एम सी कमेटी के चेयरमैन तपन सूत्रधार है और उनके अनुशंसा से ही एल एम सी पालक सदस्यों की नियुक्ति की गई है अब प्रश्न उठता है कि एल एम सी कमेटी के चेयरमैन और उस समय के मुख्य महाप्रबंधक खदान ने ईतने संवेदनशील मुद्दे पर तत्काल कार्यवाही क्यों नहीं किया जबकि ये बात बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुडा मामला है इससे एल एम सी कमेटी और उनके सदस्यों स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को सामने लाता है l


उस समय के मुख्य महाप्रबंधक खदान और एल एम सी कमेटी के चेयरमैन के द्वारा स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ठेका टायलेट और बिल्डिंग मरम्मत का नहीं निकला गया जबकि उनके कार्यकाल में ऐसे बहुत से उदाहरण है जिसमें अपने चहेते ठेकेदार को ठेका देने के लिए बहुत बार स्पाट टेंडर किया गया है।
संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ईस विषय को भी उठाया कि एल एम सी कमेटी के पालक सदस्यों की नियुक्ति एल एम सी के चेयरमैन द्वारा किस आधार पर किया जाता है।इसका क्या मापदंड है। संघ की मांग है कि एल एम सी कमेटी के पालक सदस्यों में एक बीएसपी कर्मचारी और एक नान बीएसपी को रखा जावे। जिससे पारदर्शिता बनी रहें और डीएवी स्कूल में पढ़ रहे नान बीएसपी के बच्चों का भी प्रतिनिधित्व एल एम सी कमेटी में हो सकें क्योंकि पुर्व का अनुभव बहुत ही कटु रहा है बीएसपी और नान बीएसपी के पालकों के लिए जब एल एम सी कमेटी के चेयरमैन और पालक सदस्यों ने नियम विरुद्ध स्कूल में फीस बढ़ाने के लिए अपनी सहमति दे दी थी जिसका भारतीय मजदूर संघ ने पुरजोर विरोध किया तब जिला शिक्षा अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद एल एम सी कमेटी ने फीस कम किया। इसलिए एल एम सी कमेटी में ऐसे पालक प्रतिनिधि रहें जो पालकों का प्रतिनिधित्व करे न कि स्कूल का अथवा बीएसपी प्रबंधन का।
निरीक्षण और चर्चा के उपरांत संघ का प्रतिनिधिमंडल ईस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि डीएवी स्कूल में बच्चों और पालकों के हित के लिए बना एल एम सी कमेटी कभी भी बच्चों और स्कूल से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया जिसके बहुत से उदाहरण है
संघ की मांग है कि बीएसपी प्रबंधन तत्काल डीएवी स्कूल में नये टायलेट निर्माण का ठेका निकालें और स्कूल बिल्डिंग में क्लासरूम में छत से गिर रहे प्लासटर के लिए एक ठेका निकालें और इन ठेकों को भी उन्हीं पद्धति से निकाले जिन पद्धति से पूर्व में स्पाट टेंडर किया जाता रहा है। साथ टाउनशिप के एक सिविल विभाग के अधिकारी को डीएवी स्कूल के बिल्डिंग मरम्मत और अन्य सिविल कार्य की देखरेख के लिए अधिकृत किया जावे। अन्यथा संघ बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।
भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप जिला मंत्री मुश्ताक अहमद, केन्द्रीय अध्यक्ष एम पी सिंग, राजहरा शाखा अध्यक्ष किशोर कुमार मायती, सचिव लखन लाल चौधरी, संगठन सचिव विनोद कुमार आरडे, उपाध्यक्ष संजय यादव उपस्थित थे।