गैस सिलेंडर के लिए मारामारी , खाद्य विभाग बैठा हुआ है बेफिक्र

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  • एजेंसी संचालकों की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे हैं उपभोक्ता
  • सब एजेंट सरेआम ब्लैक में बेच रहे हैं भरे हुए गैस सिलेंडर

अर्जुन झा

जगदलपुर। बस्तर की सबसे बड़ी दो गैस एजेंसियों की मनमानी का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। त्यौहारी सीजन में रिफिल सिलेंडर के लिए गैस एजेंसियों में सुबह से ही उपभोक्ताओं की भीड़ लग जाती है, लेकिन राज्य के रिफिलिंग डिपो से भरे हुए सिलेंडर लेकर आने वाले वाहनों का अता पता भी नहीं रहता है. बिचौलियों को आसानी से सिलेंडर दे दिए जाते हैं, लेकिन आम उपभोक्ताओं को डिपो से आपूर्ति ना होने की बात कहकर टरका दिया जाता है. इस कुव्यवस्था के चलते खाद्य विभाग की नाकामी उजागर हो रही है।

जगदलपुर में इंडेन व एचपी गैस की दो बड़ी एजेंसियां संचालित हैं. इन दोनों एजेंसियों ने छोटे -छोटे सब एजेंटनियुक्त कर रखे हैं. इन सब एजेंटों को तो तुरंत गैस एजेंसियों के कर्मचारी अतिरिक्त राशि लेकर सिलेंडर उपलब्ध करा देते हैं. वहीं दूसरी ओर आम उपभोक्ताओं से कहा जाता है कि डिपो से ट्रक नहीं आए हैं, इसलिए अभी सिलेंडर उपलब्ध नहीं हैं. दोनों ही एजेंसियों के सब एजेंटों द्वारा सिलेंडरों की खुलकर कालाबाजारी की जा रही है. इस गोरखधंधे को रोकने में खाद्य विभाग जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. खाद्य महकमे के अधिकारी छोटी -छोटी गुमटियों पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रहें हैं, जबकि जनता भटकने को मजबूर है.उनकी पीड़ा सुनने की भी फुरसत खाद्य महकमे के मुलाजिमों को नहीं है. एक अदद सिलेंडर के लिए उपभोक्ताओं को कई कई दिन तक एजेंसियों ke चक्कर लगाने पड़ते हैं.

होटलों में घरेलू सिलेंडर

जनता को गैस सिलेंडर मिले या ना मिले, लेकिन होटलों को घरेलू सिलेंडर आसानी से मिल जाता है. एजेंसी संचालकों द्वारा ज्यादा रकम लेकर होटल वालों को सिलेंडर उपलब्ध करा देते हैं. होटल संचालकों को कामर्शियल सिलेंडर के साथ ही घरेलू सिलेंडर भी सहजता से मिल जाते हैं. इसकी जानकारी प्रशासन तथा खाद्य विभाग को भी है. बावजूद ना तो होटल संचालकों पर कार्यवाही होती है, ना ही गैस एजेंसियों पर।इस बात को लेकर उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी देखी जा रही है.

इसलिए अफसर बांध रखे हैं हाथ

खाद्य विभाग का काम मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री और रसोई गैस व मिट्टीतेल की कालाबाजारी रोकना है, लेकिन इस कर्तव्य का पालन विभाग के अधिकारी कर्मचारी करते नजर नहीं आते. गैस एजेंसियों की पड़ताल तो कभी की ही नहीं जाती. चर्चा है कि गैस एजेंसी संचालकों द्वारा खाद्य विभाग के अफसरों को अच्छा खासा चढ़ावा भेंट किया जाता है. जिसके कारण उन पर कार्रवाई नहीं होती है।विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तथा गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सिलेंडरों की डिमांड और सप्लाई को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ रखा है, मगर भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए जगदलपुर में सारा खेल ऑफलाइन ही चल रहा है.