सीआरपीएफ में भर्ती रैली का नक्सलियों ने किया विरोध

0
43
  • कॉर्पोरेट घरानों की सुरक्षा के लिए जवानों की भर्ती करने का आरोप
  • पुल – पुलिया, सड़कों का निर्माण उद्योगपतियों की सुविधा के लिए


अर्जुन झा –
जगदलपुर. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ ) में जवानों की भर्ती की पहल का बस्तर में सक्रिय नक्सलियों ने विरोध किया है. नक्सली नेताओं ने आरोप लगाया है कि बस्तर की खनिज संपदा पर नजरें गड़ाए बैठे कॉर्पोरेट घरानों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए ये भर्तियां की जा रही हैं.
उल्लेखनीय है कि नक्सली समस्या के उन्मूलन के लिए बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर व बस्तर जिलों में लंबे अरसे से सशस्त्र सुरक्षा बल ( एसएसबी ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ ), नागा बटालियन समेत कुछ अन्य अर्ध सैन्य बलों की तैनाती की गई है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष प्रशिक्षित जवानों तथा अधिकारियों के दस्ते भी इन सभी जिलों में मुस्तैदी से मोर्चा सम्हाले हुए हैं. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के तहत सीआरपीएफ में बस्तर संभाग के लिए चार सौ जवानों और अधिकारियों की भर्ती संबंधी विज्ञापन जारी किया गया है. इसके तहत सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर व बस्तर में भर्ती रैलियां आयोजित की जानी है. भर्ती और कड़ी ट्रेनिंग के बाद नए रंगरूटों की तैनाती बस्तर संभाग के ही विभिन्न जिलों में की जाएगी. पहले से तैनात फोर्स के साथ नए भर्ती होने वाले जवान भी नक्सलीयों के खिलाफ चल रही लड़ाई में सहभागी बनेंगे, लेकिन बस्तर में सक्रिय नक्सली इस नई भर्ती को कुछ और रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि बस्तर के भूगर्भ में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध खनिज संपदा को औद्योगिक घरानों के हवाले करने तथा खनिज संपदा को लूटने के लिए बस्तर में आने वाले इन औद्योगिक घरानों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ में जवानों की भर्ती की जा रही है. इन कॉर्पोरेट घरानों की सुरक्षा और सेवा करने के काम में बस्तर के आदिवासी युवक – युवतियों को लगाने का कार्य केंद्र तथा राज्य सरकारें कर रही हैं. नक्सलियों ने आगे आरोप लगाया है कि औद्योगिक घरानों की सुरक्षा के लिए बस्तर को सैन्य शिविर में तब्दील कर दिया गया है. बस्तर संभाग में पुल, पुलियों और सड़कों का निर्माण भी उद्योगतियों की सुविधा के लिए कराया गया है तथा कराए जा रहे हैं.
पुलिस की नई फोर्स का भी विरोध
सीआरपीएफ में नई भर्ती का विरोध करने वाले नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा बस्तर व दंतेवाड़ा जिलों में तैयार की गई स्थानीय फोर्स का भी विरोध किया है. बस्तर जिला पुलिस बल में बस्तर फाइटर नाम से तथा दंतेवाड़ा जिले में दंतेश्वरी फाइटर नाम से विशेष फोर्स का गठन किया गया है. इन फोर्स में स्थानीय आदिवासी युवाओं की भर्ती की गई है. इन युवाओं को समुचित प्रशिक्षण देने के बाद नक्सली समस्या के उन्मूलन और अपराधों की रोकथाम के लिए मैदान पर उतारा गया है. छत्तीसगढ़ पुलिस के इस सराहनीय कदम के पीछे स्थानीय आदिवासी युवाओं को रोजगार देने के साथ – साथ एक नेक मंशा आदिवासी युवक – युवतियों को नक्सलियों के बहकावे में आने से बचाने तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़े रखने की भी रही है.लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस का यह अच्छा कदम भी नक्सलियों को रास नहीं आ रहा है. इसीलिए उन्होंने इसका भी विरोध करते हुए कहा है कि पुलिस आदिवासी युवाओं को ढाल बनाने का काम कर रही है. आदिवासियों को प्रताड़ित कर जेलों में डाला जा रहा है. नक्सलवादियों ने भारतीय सेना की अग्निवीर योजना का भी विरोध किया है.