बाड़ी ही खाने लगी खेत, लैम्प्स के प्रभारी करा रहे धान की तस्करी

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(अर्जुन झा)

बकावंड,(जगदलपुर)। देश में धान का सर्वाधिक मूल्य देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यवस्था की है कि तस्करी का धान उपार्जन केंद्रों तक किसी भी सूरत में न पहुंचने पाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट तौर पर ताकीद की है कि राज्य के किसानों का धान उपार्जन केंद्र तक बिना किसी असुविधा के पहुंचे और छत्तीसगढ़िया किसान का धान खरीदा जाए। न कि बिचौलियों और कोचियों के जरिए धान की तस्करी हो। लेकिन शासन की व्यवस्था में वह लोग ही सेंध लगा रहे हैं, जिन पर व्यवस्था की जिम्मेदारी है। बस्तर के बकावंड में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें लैम्प्स के प्रभारी ने अपने पिता के नाम पर कोचियों से 50 क्विंटल धान खरीद लिया और शिकायत मिलने पर इस धान की जब्ती भी बना दी गई लेकिन अब तक यह गोरख धंधा करने वाले लैम्प्स प्रभारी कैलाश कश्यप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मिली तथ्यात्मक जानकारी के अनुसार बकावंड ब्लॉक के छोटेदेवड़ा धान खरीदी केंद्र प्रभारी कैलाश कश्यप ने अपने पिता शोभाराम कश्यप के पट्टे पर कोचियों की धान खरीदी करा दी। जब इसकी शिकायत सामने आई तो धान जब्त की गई लेकिन संबंधित अधिकारियों ने लैम्प्स प्रभारी कैलाश कश्यप के विरुद्ध कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं की। जिससे किसानों में भारी नाराजगी है और उनका कहना है कि मामले को दबाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि यह तो एक बानगी है कि यह धान तस्करी का मामला सामने आ गया। यदि बारीकी से जांच की जाए तो बस्तर में बड़ा धान खरीदी घोटाला उजागर हो सकता है।

किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ की किसान हितैषी सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ साथ राजीव किसान न्याय योजना के तहत किसानों को अंतर की राशि देती है। जिसका फायदा उठाने के लिए दीगर राज्यों का धान खरीद कर कोचिये धान की तस्करी कर रहे हैं और स्थानीय किसानों के नाम पर यह धान खरीदी जा रही है। इस अवैध कारोबार में धान खरीदी की व्यवस्था में तैनात लोग ही संलिप्त हों तो सरकार की मंशा के मुताबिक छत्तीसगढ़ के किसानों का भला होने में बाधा उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इस धांधली को दबाकर बड़े अधिकारी इस संदेह को बढ़ा रहे हैं कि सारा गोलमाल उनके संरक्षण में हो रहा है।