कोविड टीकाकरण में हेल्पेज इंडिया ने निभाई अहम भूमिका

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  • वरिष्ठ डॉक्टरों ने संस्था की पहल को जमकर सराहा, अन्य संस्थाओं से भी सहभागी बनने की अपेक्षा


रायपुर दो साल पहले कोविड -19 महामारी ने लगभग वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं को एक डरावने पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया था और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान को चुनौती दे दी थी। जनवरी 2021 में भारत में जो टीके लगाए गए थे, वे अपने साथ कई चिंताएं लेकर आए थे, लेकिन लगभग एक साल बाद इन टीकों की वजह से लाखों लोगों की जान बच गई है। छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों और हेल्प एज इंडिया की मदद से अपने मोमेंटम रूटीन इम्युनाइजेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी (एमआरआईटीई) प्रोजेक्ट के माध्यम से लाखों टीकाकरण किया है। जनता, विशेष रूप से बुजुर्गों और अन्य कमजोर लोगों तक पहुंचने का सराहनीय काम किया है। मोमेंटम रूटीन इम्युनाइजेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी पर हेल्प एज इंडिया छत्तीसगढ़ की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। इसमें मुख्य अतिथि के डॉ. एनआर नवरत्न, उप निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं थे। स्वास्थ्य सेवा संचालनालय की उप निदेशक डॉ. मीरा बघेल एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन विशिष्ट अतिथि थे। पीएल सोनी अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक संघvकोरबा और डॉ अरविंद नेरलवार अध्यक्ष लायन आश्रय वृद्धाश्रम प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
हेल्पेज इंडिया छत्तीसगढ़ के राज्य प्रमुख शुभंकर विश्वास ने स्वागत भाषण में कहा कि पहले चरण के जरिए बुजुर्ग नागरिकों को टीका लगवाने की चुनौती थी। हमने महसूस किया कि उनकी शारीरिक और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के कारण उन पर कई प्रतिबंध हैं। इसलिए इस प्रोजेक्ट के तहत हेल्प एज वॉलंटियर्स घर-घर जाकर टीकाकरण के जरिए उन तक पहुंचे। अब तक हेल्प एज इंडिया छत्तीसगढ़ ने कई मानसिक रूप से विकलांग लाभार्थियों, स्तनपान कराने वाली माताओं, गर्भवती महिलाओं और यहां तक ​​कि नशीली दवाओं का सेवन करने वालों को लंबे समय तक परामर्श और सामुदायिक जुड़ाव के बाद टीका लगवाने में मदद की है।
हेल्प एज के मिशन हेल्थ की डॉ. ऋतु राणा ने कहा कि एमआरआईटीई परियोजना के तहत राज्य में कोविड -19 टीकाकरण की प्रगति का एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन है। आज तक हेल्प एज इंडिया ने चार जिलों में हजारों बुजुर्गों, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, स्कूली बच्चों, शारीरिक रूप से अक्षम, झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वालों और अन्य कमजोर आबादी को टीका लगवाने में मदद की है। हेल्प एज कई अन्य राज्यों में कैंसर के उपचार और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने की दिशा में भी काम कर रहा है। ताकि बुजुर्गों और कमजोर आबादी को कोविड-19 के बाद के तनाव से निपटने में मदद मिल सके। समापन समारोह की विशेष अतिथि, डॉ. मीरा बघेल ने कहा कि टीकाकरण के इस चरण में हेल्पेज इंडिया का योगदान महत्त्वपूर्ण है। सबसे कमज़ोर तबके के लोगों को कोविद के ख़िलाफ़ तैयार करना सचमुच नेक काम है। इसमें सारे स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ आकर इस प्रोजेक्टके तहत काम करना चाहिए। अंत में एमराइट प्रोजेक्ट के वॉलंटियर्स तथा विभिन्न विभागों के सरकारी एवं ग़ैर सरकारी हितधारकों का सम्मान किया गया