जगदलपुर बस्तर सांसद दीपक बैज ने लोकसभा में कॉलेजियम प्रणाली में सुधार से संबंधित सवाल उठाते हुए कहा कि क्या विधि और न्याय मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सरकार ने हाल के दिनों में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्तावों को वापस कर दिया है? यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और उच्चतम न्यायालय द्वारा इस संबंध में व्यक्त किए गए विचार क्या हैं?सांसद दीपक बैज ने पूछा कि उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के मुद्दे को हल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? उन्होंने प्रश्न किया कि क्या मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली के कार्यकरण पर कोई चिंता/ आपत्ति जताई गई है और यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी समिति में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों को नियुक्त करने पर विचार कर रही है और यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है तथा उस पर राज्यों और उच्चतम न्यायालय की प्रतिक्रिया क्या है और उक्त पहल को समर्थन देने वाले राज्यों के नाम क्या हैं? सांसद दीपक बैज के सवाल के जवाब में विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने सदन के पटल पर विवरण रखा। उन्होंने कॉलेजियम प्रणाली में सुधार से संबंधित लोकसभा तारांकित प्रश्न के जवाब में जानकारी दी कि हाल ही में 18 प्रस्तावों पर उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा पुनर्विचार की मांग की गई थी। इन प्रस्तावों की परीक्षा करते हुए एससीसी ने छह मामलों को दोहराने का विनिश्चय किया है 7 मामलों में एससीसी ने उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम से अद्यतन इनपुट मांगे हैं और 5 मामलों को उच्च न्यायालयों को भेजने का विनिश्चय किया है। विधि मंत्री ने बताया कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 217 और 224 तथा उच्च न्यायालय के 6 अक्टूबर 1993 के साथ पठित 28 अक्टूबर 1998 की उनकी सलाहकारी राय के अनुसरण में 1998 में तैयार किए गए प्रक्रिया ज्ञापन में अधिकथित प्रक्रिया के अनुसार की जाती है। उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए विद्यमान प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा रिक्ति के 6 माह पूर्व किसी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश की रिक्तियों को भरने के लिए प्रस्ताव का आरंभ किया जाना अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में उच्चतम न्यायालय में 9 और उच्च न्यायालयों में 120 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है और वर्ष 2022 में उच्चतम न्यायालय में तीन और उच्च न्यायालयों में 165 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। 1 फरवरी 2023 तक 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत पद संख्या में से उच्चतम न्यायालय में 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं और हाल ही में उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम से 7 रिक्तियों की सिफारिशें ग्रहण की गई हैं। उच्च न्यायालयों में 1108 न्यायाधीशों की स्वीकृत पद संख्या में से 775 न्यायाधीश कार्यरत हैं तथा 333 न्यायाधीशों के पद रिक्त हैं। इन रिक्तियों में से उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए 142 प्रस्ताव प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों पर हैं और उच्च न्यायालयों में 191 रिक्तियों की सिफारिशें उच्च न्यायालय कॉलेजियम से प्राप्त की जानी है।