ईपीएफ के लाभ से से वंचित हैं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी

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  • वेतन पत्रक पर सरपंच हस्ताक्षर करते हैं, तभी मिलती है तनख्वाह
  • जगदलपुर में हुई छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बैठक

जगदलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कहने को तो शासकीय कर्मी हैं, लेकिन उन्हें ईपीएफ के लाभ से वंचित कर दिया गया है। वहीं उन पर ऐसी बाध्यता थोप दी गई है कि अपने वेतन पत्रक पर सरपंच से हस्ताक्षर कराए बिना उन्हें तनख्वाह नहीं मिलती। इसे लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कड़ी नाराजगी जताई है।

25 मई को बस्तर जिले की मेजबानी में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से जिले के विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की समस्याओं पर चर्चा की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को ईपीएफ का लाभ नहीं दिया जाने एवं उनके वेतन पत्रक पर अनाधिकृत रूप से सरपंचों से हस्ताक्षर करवाने के लिए उच्च अधियारियों द्वारा दबाव बनाए जाने पर नाराजगी जताई गई। कहा गया कि शासन के नियमानुसार सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को ईपीएफ का लाभ देने का प्रावधान है एवं उनके वेतन पत्रक पर हस्ताक्षर का अधिकार सिर्फ संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को ही है। बावजूद नियमों का उल्लंघन करते हुए उन्हें ईपीएफ के लाभ से वंचित किया जा रहा है और वेतन पत्रक पर सरपंचों के हस्ताक्षर की बाध्यता थोपी जा रही है। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के उपस्थिति में सुरेश ठाकुर को सीएचओ प्रकोष्ठ का जिला संयोजक नियुक्त किया गया। संघ के जिला अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने उपरोक्त समस्याओं का अतिशीघ्र जिला स्तर से समाधान कराने की बात कही। बैठक में संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविंद्र तिवारी, उप प्रांताध्यक्ष एसपी देवांगन, एसएचओ प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक प्रफुल्ल कुमार एवं कमल चंद्राकर भी उपस्थित थे।