नहीं बनेगा बोधघाट बांध : बैज

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  • घाटी के नीचे बसे गांव करेकोट, भेजा, बिंता की सभा में बस्तर सांसद दीपक बैज का ऐलान
  • सांसद बैज और विधायक बेंजाम ने किया करोड़ों के विकास कार्यों का किए लोकार्पण

लोहंडीगुड़ा विकासखंड लोहंडीगुड़ा के अंतर्गत घाटी के नीचे बसे गांव करेकोट, भेजा और बिंता में बस्तर सांसद दीपक बैज एवं चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम का प्रवास हुआ। उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इस सभा में सांसद दीपक बैज ने ऐलान किया कि बोधघाट परियोजना नहीं बनेगी। किसी भी ग्रामीण को विस्थापित नहीं होना पड़ेगा।मंगलवार को सांसद बैज और विधायक बेंजाम ने अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात ग्रामीणोंम को दी। ग्राम करेकोट में नवीन पंचायत भवन हेतु 19.95 लाख रुपए, ग्राम पंचायत बिंता में नल जल प्रदाय योजना के तहत 1 करोड़ 35.26 लाख रुपए, ग्राम पंचायत भेजा से मारडूम तक 9 किमी डामरीकृत सड़क हेतु 4 करोड़ 53.49 लाख रुपए, करलाकोंटा से मारडूम मटनार तक 6 किमी डामरीकृत सड़क हेतु 3 करोड़ 12 लाख रुपए की स्वीकृति देते हुए इन कार्यों का भूमिपूजन किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हल्ला बोलते हुए कहा कि एक समय में बिंता, भेजा, करलाकोंटा, मारडूम इन चारों गांवों में जाने के लिए सड़क तक नहीं थी। लोग बिजली पानी के आभाव में जीते आ रहे थे। भारतीय जनता पार्टी ने घाटी के नीचे बसे गांवों के ग्रामीणों को सिर्फ अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन हमारी सरकार इन गांवों में सड़क बिजली और पानी पहुंचाने का काम कर रही है। बैज ने आज ही 25 करोड़ की लागत से बनने वाले सतसपुर पुलिया का भी भूमिपूजन किया। बस्तर सांसद दीपक बैज ने भरी सभा में ग्रामीणों के बीच ऐलान किया कि बोधघाट परियोजना आकार नहीं ले सकेगी। छत्तीसगढ़ सरकार और हमारी मंशा है कि ग्रामीणों को डूबान की वजह से विस्थापित होना न पड़े। सांसद श्री बैज ने कहा इसके लिए आपको बिल्कुल भी चिंता करने या घबराने की जरूरत नहीं है। अब बोधघाट परियोजना के विकल्प के रूप में चित्रकोट के नीचे मटनार बैराज बनेगा। इस बैराज से लोहंडीगुड़ा बस्तर एवं अन्य जिलों को पानी मिलेगा।

पहाड़ तोड़कर बनाई थी बैज ने सड़क

स्वफूर्त इकट्ठा हुए ग्रामीणों के साथ सांसद ने पहाड़ तोड़कर गांव वालों के लिए सड़क बनाई थी। साल 2016 में छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी, तब विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन विधायक दीपक बैज ने भेजा पहाड़ को हजारों ग्रामीणों के साथ मिल तोड़कर सड़क बनाई थी। आज उसी सड़क को स्वीकृति मिली है, जो कि लगभग 9 किमी लंबी है और ग्राम भेजा को मारडूम से जोड़ती है। अब यह सड़क डामरीकृत सड़क से जुड़ जाएगी। ग्रामीणों को 20 किमी कम दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे वहां के ग्रामीणों का सपना साकार होगा।मारडूम घाटी के नीचे बसे ग्राम करलाकोंटा में लगभग 45 घर मौजूद हैं, जहां पहाड़ों के बीच से पैदल जाने का ही रास्ता है। वहां ना तो बिजली है, न पीने का साफ पानी। आज इस गांव में 6 किमी डामरीकृत सड़क की स्वीकृति मिल जाने से जल्द ही करलाकोंटा में बिजली और पीने का साफ पानी भी पहुंच पाएगा। इस दौरान सांसद दीपक बैज, चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम, जनपद पंचायत अध्यक्ष महेश कश्यप, जिला पंचायत सदस्य मालती बैज, बलराम मांझी, जगदलपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष अनिता पोयाम, जनपद सदस्य चैती बघेल, महिला कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष जयंती यादव, सरपंच करेकोट आंती नाग, मंगलू पुजारी, इंदुनाथ नाग, मंगल नाग, सिरहा जगतूराम, सगराम बघेल, सीईओ लोहंडीगुड़ा, पंचगण सहित ग्रामीण उपस्थित थे।