- डॉक्टर और कर्मचारी नहीं जाते अस्पताल में, ग्रामीण परेशान
तोकापाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मावलीभांठा का कोई माई बाप नहीं रह गया है। यहां मरीजों को रत्ती भर भी सुविधा नहीं मिल रही है, क्योंकि स्वास्थ्य कर्मी अपनी मर्जी के मालिक बन गए हैं। उन्हें अपनी ड्यूटी से कोई लेना देना नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के खुलने का कोई समय तय नहीं है। कर्मचारी और डॉक्टर अपनी सुविधा के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं और कभी भी निकल जाते हैं। बीमार लोगों को यहां उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए आवास बने हुए हैं, लेकिन इन आवासों में डॉक्टर और कर्मी निवास न कर बाहर रहते हैं। बड़े अधिकारी स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के लिए कभी नहीं आते। यही वजह है कि सभी कर्मी लगातार मनमानी करते आ रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास ही कई स्कूल संचालित हैं। अगर किसी विद्यार्थी की तबियत बिगड़ जाती है, तो उसे दूसरे गांव कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र में या फिर निजी क्लिनिक में ले जाना पड़ जाता है। दो दिन पहले ही एक बच्चे की तबियत अचानक खराब हो गई। उस बच्चे को इलाज के लिए डिमरापाल के अस्पताल में ले जाना पड़ गया।बच्चे की हालत काफी बिगड़ गई थी।
वर्सन
मनमानी चल रही है
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। अस्पताल की व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है।