- ट्रक मालिक के साथ दो दिन चली पुलिस की गुप्त बैठक
- आयरन लोड करने नहीं गया था, अंदर से आया चालक
जगदलपुर नगरनार स्टील प्लांट से एक ही नंबर के दो ट्रकों के जरिए पिग आयरन चोरी मामले में जिस ट्रक ड्राईवर को पुलिस अधिकारी फरार बता रहे हैं उस ड्राईवर और ट्रक मालिक के साथ नगरनार पुलिस की चोकावाड़ा इलाके में गोपनीय बैठक होने की खबर है। बैठक में बात नहीं बनने पर पुलिस ड्राईवर की गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में टीम भेजे जाने की थ्योरी गढ़ रही है।
खबर है कि जिस ट्रक क्रमांक सीजी 04 एमके 9383 पर पिग आयरन लोड कराया गया था। इस ट्रक और चालक को प्लांट के मुख्य गेट पर ही रोक लिया गया था। प्लांट से ड्राईवर मुख्य द्वार पर पहुंचा और ट्रक को कच्चा लोड साईट के पास लोडिंग कराकर ट्रक को बाहर निकालने की तैयारी में था। सीआईएसएफ के जवानों ने लोहा चोरी की इस योजना पर पानी फेर दिया। खबर है कि राजधानी के लोहा कारोबारी एवं एनएमडीसी के कर्मचारी की सांठगांठ पर दो माह से पिग आयरन चोरी का खेल चल रहा था। खबर है कि चामुंडा ट्रांसपोर्ट के संचालक ने पूछताछ में कई राज खोले हैं। इस खुलासे से कई लोहा कारोबारी और प्लांट के कर्मी बेनकाब हो सकते हैं। मामला हाई प्रोफाईल होने के कारण पुलिस सावधानी तो बरत रही है, लेकिन पड़ताल की दिशा बदलने के भी फेर में है।नगरनार स्टील प्लांट से विगत दो तीन माह में राजधानी के लोहा कारोबारी करोड़ों के पिग आयरन को पार करवा चुके हैं। प्लांट के कर्मचारियों एवं लोहा कारोबारी की सांठगांठ से यह गोलमाल चल रहा है। पता चला है कि प्लांट से अब तक 60 – 70 हजार टन पिग आयरन की बिक्री की जा चुकी है। चामुंडा ट्रांसपोर्ट के बयान अनुसार 3 माह से परिवहन का कार्य चल रहा था, लेकिन पुलिस पहली बार परिवहन किये जाने का हवाला दे रही है। ट्रांसपोर्टर एवं पुलिस के परसपर विरोधाभासी बयान यह इशारा कर रहे हैं कि राजधानी का वह कौन कारोबारी है जिसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि पिग आयरन चोरी के मामले में जिस ट्रक चालक को फरार बताया जा रहा है वह पुलिस के संपर्क में है। करीम अहमद एवं अन्य दो व्यक्तियों के साथ पुलिस की चोकावाड़ा के पास एक मकान में गुपचुप वार्ता होने की खबर है। मगर वार्ता असफल हो गई। वहीं राजधानी का लोहा कारोबारी मामले को रफादफा कराने के लिए लगातार पुलिस के संपर्क में है।
गेट पर ही रोका था वाहन चालक को
खबर है कि उक्त ट्रक चालक को प्लांट के मेन गेट पर ही यह कहकर रोक दिया गया था कि बाहर के चालक को प्लांट में प्रवेश वर्जित है। उसे मुख्य द्वार पर ही उतार दिया गया और प्लांट का ड्राईवर वाहन को लोडिंग साईट तक ले गया। अब यह प्रश्र उठने लगा है कि प्लांट के अंदर वह कौन चालक था जो मुख्य गेट से ट्रक को अंदर की ओर ले गया और नंबर प्लेट बदल दिया। इसका राज सीसीटीवी फुटेज से ही खुल सकता है, जिसकी पड़ताल अब तक नहीं की गई है। इधर पुलिस चामुंडा ट्रांसपोर्ट रायपुर के संचालक का बयान दर्ज कर चुकी है। उसने रायपुर के लोहा कारोबारी के लिए विगत 3 माह से लोहा परिवहन करने की बात स्वीकार की है।
पार हो चुका करोड़ों का लोहा
सूत्रों से जानकारी मिली है कि तीन माह के भीतर एक ही नंबर प्लेट का उपयोग कर एक ही पर्ची एवं बिल्टी के जरिए उसी वाहन नंबर से कई ट्रक कच्चा लोहा पर किया जा चुका है। ऐसी जानकारी है कि प्लांट के कर्मचारी एवं लोहा कारोबारी शासन को करोड़ों की चपत लगा चुके हैं। इसके परिणाम स्वरूप शुरूआती दौर में ही नगरनार स्टील प्लांट के घाटे में चले जाने की खबर है। इसे लेकर प्रबंधन भी चुप्पी साधे हुए है।
विधायक किरण देव आए सामने
लोहा चोरी के मामले को लेकर अब विधायक किरण देव सिंह और झाड़ेश्वर परिवहन समिति के के लोग भी सामने आ गए हैं। समिति के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने एनएमडीसी के अधिकारियों के संरक्षण में लोहा चोरी का आरोप लगाया है। समिति ने प्लांट प्रबंधन पर लोहा कारोबारी से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए मामले की एसआईटी जांच की मांग की है। सप्ताह भर में दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दीगई है। इधर जगदलपुर के नव निर्वाचित विधायक किरण देव ने कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट से लोहा चोरी के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। मामले में जो भी दोषी होंगे, जिनकी भी संलिप्तता होगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दोषी कोई भी हो, उसे बख्शा नही जाएगा।