- सूखत के नाम पर ठगा जा रहा है बस्तर के किसानो को
- धान की क्वालिटी के नाम पर भी परेशान किया जा रहा है निरीह किसानों को
अर्जुन झा
बकावंड विकासखंड बकावंड के धान खरीदी केंद्रों में किसानों को सरेआम ठगा जा रहा है। सूखत के नाम पर प्रति बोरी ज्यादा धान तौला जा रहा है। इस तरह सूखत के बहाने तराजू के कांटे को झुकाकर किसानों का घाटा किया जा रहा है। धान की क्वालिटी के नाम पर भी निरीह किसानों को परेशान किया जा रहा है।
बकावंड विकासखंड ही नहीं, अपितु बस्तर जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में किसानों को इसी तरह से चूना लगाने का खेल चल रहा है। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के कुछ खरीदी केंद्रों में तो पूर्व विधायक रेखचंद जैन इस खेल का भंडाफोड़ कर चुके हैं। बकावंड विकासखंड में स्थित जिला सहकारी बैंक के अधीन सभी धान खरीदी केंद्रों में सूखत की आड़ में खरीदी केंद्र प्रभारियों, समिति प्रबंधकों, समिति अध्यक्षो व अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। ‘सूखती के लिए झुकती’ के खेल में लाखों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बकावंड के धान खरीदी केंद्र बकावंड के साथ ही ग्राम धनवा के खरीदी केंद्र में ऐसे ही खेल का प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला है। खरीदी केंद्रों में प्रति बारदाना (बोरा) 80 किलोग्राम धान पर दो से चार किलोग्राम तक अतिरिक्त धान किसानों से लिया जा रहा है। इस तरह प्रति क्विंटल औसतन तीन किलोग्राम ज्यादा धान किसानों से लिया जा रहा है। अतिरिक्त धान लेने का विरोध करने वाले किसानों को अपना धान वापस ले जाने के लिए कहा जाता है। खरीदी में लगे कर्मचारी दलील देते हैं कि धूप पड़ने से खरीदकर बोरों में रखे गए धान का वजन सूखकर कम हो जाता है। इसकी भरपाई हम थोड़ी न करेंगे। इसके अलावा धान की क्वालिटी को निम्न स्तर का बताते हुए खरीदने से इंकार भी कर दिया जाता है, अथवा रेट कम मिलने की बात कही जाती है। अतिरिक्त धान लिए जाने तथा क्वालिटी के नाम पर परेशान किए जाने से किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है। धान खरीदी केंद्र प्रभारी एवं प्रबंधक की मिलीभगत से किसानों का धान अधिक मात्रा में तौलकर किसानों के पसीने की कमाई पर डाका डाला जा रहा है। किसानों से छल के इस खेल को उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। खरीदी केंद्र प्रभारी का कहना है कि धूप में धान सूखता है और उसका वजन कम हो जाता है। इसलिए किसानों से सूखत के नाम पर थोड़ा ज्यादा धान लिया जाता है। इसमें किसानों की भी सहमति रहती है।
रेखचंद जैन जता चुके हैं नाराजगी
जगदलपुर के पूर्व विधायक रेखचंद जैन सूखत के नाम पर किसानों से अतिरिक्त धान लिए जाने को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। जैन ने गत दिवस नानगुर और बड़े मुरमा के धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने पाया था कि सूखत के बहाने किसानों से अधिक मात्रा में अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। इसके अलावा पुरानी दर पर और कम लिमिट में धान की खरीदी चल रही है। जैन ने इसे किसानों के साथ भाजपा का छल निरुपित किया। जैन का कहना था कि धूप में जरूर धान सूखता है, मगर सूखत की दर इतनी ज्यादा भी नहीं रहती कि प्रति क्विंटल के पीछे दो -तीन किलो अतिरिक्त धान लिया जाए। जैन ने खरीदी केंद्र प्रभारी को हिदायत दी कि सूखत के अतिरिक्त धान लेने का जो मात्रा तय की गई है, उतनी ही मात्रा में अतिरिक्त धान लिया जाए और किसानों को परेशान न किया जाए। पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि भाजपा सत्ता में आ चुकी है, मगर आज भी भाजपा के चुनावी वादे के मुताबिक 3100 रुपए क्विंटल की दर से तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी नहीं की जा रही है। इससे साबित होता है कि भाजपा ने किसानों से छल किया है। इसके अलावा किसानों का कर्जा माफ न करने पर भी रेखचंद जैन ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है।
खपाया जा रहा है ओड़िशा का धान
बकावंड विकासखंड की सीमाएं ओड़िशा राज्य से लगी हुई हैं। इसका बेजा लाभ शराब व धान तस्कर उठा रहे हैं। ओड़िशा के व्यापारी तथा बकावंड ब्लॉक के धान कोचिया ओड़िशा के किसानों से धान खरीद कर उसे बकावंड ब्लॉक के खरीदी केंद्रों में खपा रहे हैं। ये व्यापारी और कोचिए स्थानीय किसानों के नाम पर आसानी से धान बेचने में सफल हो जाते हैं। खरीदी केंद्र प्रभारी इन व्यापारियों और कोचियों से मोटा कमीशन लेकर इस गैर कानूनी कृत्य को अंजाम देने में मदद करते हैं। बकावंड ब्लॉक का ग्राम धनवा ओड़िशा से लगा हुआ है। यहां के धान खरीदी केंद्र में भी ओड़िशा का धान खपाया जा रहा है। कोचिया द्वारा ओड़िशा के किसानों से खरीदे गए धान को धनवा खरीदी केंद्र में बेचा जा रहा है। धान खरीदी केंद्र प्रभारी की इसमें मिलीभगत है। ज्ञात हो कि बीते वर्ष भी बकावंड खरीदी केंद्र में गोलमाल हुआ था, जिसकी जांच अब तक चल रही है।बस्तर संभाग के खरीदी केंद्रों में ओड़िशा का धान खापाए जाने के कई मामले जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पकड़ चुके हैं। कोंडागांव में कुछ दिनों पहले ही ओड़िशा का दो ट्रक धान पकड़ा गया था। माकड़ी पुलिस तथा भानपुरी पुलिस भी ओड़िशा का धान लदे मिनी ट्रक और ट्रेक्टर को पकड़ चुकी है। बावजूद धान की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है।
वर्सन
लगवाएंगे रोक
अवैध धान की खरीदी और सूखत के नाम पर ज्यादा मात्रा में धान लेना गलत है। अगर खरीदी केंद्र प्रभारी ऐसा कैसा कर रहा रहा है, तो मैं जाकर पता करूंगा और इस पर रोक लगवाऊंगा।
फूलसिंह बिसाई,
प्रबंधक, आदिम जाति सहकारी समिति, बकावंड