बंजारी धाम मंदिर में चोरी करने वाले आरोपी गिरफ्तार

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  • बंजारी धाम मंदिर में चोरी करने वाले आरोपी लक्ष्मीनारायण गंधर्व को बालोद पुलिस ने किया गिरफ्तार
  •  ग्राम कोरगुड़ा से भी आरोपी ने किया था मोटर सायकल क्रमांक सीजी 24 जे 5883 को पार
  •  पूर्व में भी चोरी के अपराधों में जा चुका है जेल

बालोद क्षेत्र में हो रही चोरी को देखते हुऐ पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज  रामगोपाल गर्ग के निर्देषन पर पुलिस अधीक्षक बालोद एस.आर.भगत के मार्गदर्शन में, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सुश्री नवनीत कौर व थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक रविषंकर पाण्डेय के द्वारा निर्देषन के पालन में प्रतिदिन शहर एवं देहात में सत्त पेट्रोलिंग करने के लिये अलग-अलग टीम तैयार किया गया था।
दिनांक 10.03.2024 को थाना प्रभारी निरीक्षक रविषंकर पाण्डेय, प्र.आर. 1349 भगवान सिंह धु्रव, प्र.आर. 1712 मनोज निर्मलकर, आरक्षक 36 मोहन कोकिला शहर के देहात पेट्रोलिंग पर रवाना हुये थे, कि पेट्रोलिंग गस्त के दौरान बुढ़ापारा बालोद के पास एक व्यक्ति पुलिस को देखकर भाग रहा था लुकछिप रहा था जिसे मोके पर घेराबंदी कर पकड़ा गया जिनका नाम पता पुछने पर वह व्यक्ति अपना नाम लक्ष्मीनारायण गंघर्व निवासी पाररास का होना बताने से पुछताछ हेतु थाना लाया गया। जो पुछने पर अपराध करना स्वीकार किया। निम्नाकिंत अपराधों में आरोपी के द्वारा चोरी करना स्वीकार किये।

01. जो दिनांक 20.02.2024 को ग्राम कोरगुड़ा से मोटर सायकल पैषन प्रो. क्रमांक सीजी 24 जे 5883 को चोरी कर रेंघई जाने वाले मार्ग पर छोड़कर भाग जाना बताया, चोरी गये मोटर सायकल को रेघई जाने वाले मार्ग से लावरिष हालत में बरामद कर थाना बालोद में अप.क्र 118/24 धारा 379 भादवि का अपराध पंजीबद्व किया गया।
02. दिनांक 29.02.2024 को वटकेष्वर षिव मंदिर बंजारी धाम जुंगेरा में मंदिर अंदर के आलमारी से 3000 रू को चोरी करना कबूल किये तथा चोरी गये मषरूका में से 300 रू को वाजाप्ता शुमार किया गया है तथा 2700 रू खाने पीने में आरोपी द्वारा खर्च कर देना बताया है जिस पर आरोपी के खिलाफ थाना बालोद अपराध क्रमांक 163/2024 धारा 457,380 भादवि का अपराध पंजीबध्द किया गया है।
दोनेा अपराध में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर दिनांक 10.03.2024 को जेल भेजा गया है।

आरोपी को गिरफ्तार करने एवं उससे चोरी का सामान बरामद करने में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक रविषंकर पाण्डेय, प्र.आर. 1349 भगवान सिंह धु्रव, प्र.आर. 1712 मनोज निर्मलकर, आर. 36 मोहन कोकिला, का विषेष सराहनीय योगदान एवं भुमिका रही है।