ग्राम पंचायत की बेपरवाही के चलते गंदगी के बीच जीवन गुजारने मजबूर हैं राजनगर के ग्रामीण

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  • नालियां बजबजा रही हैं गंदगी से, नहीं होती सफाई
  • सरपंच, सचिव की लापरवाही उजागर
    -अर्जुन झा-
    बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत राजनगर में ग्राम पंचायत द्वारा गंदे पानी और गंदगी की निकासी के लिए बनवाई गई नालियां खुद गंदगी का घर बन गई हैं। ग्रामीणों को गंदगी और बदबू के बीच जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
    ग्राम पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च कर राजनगर के माहरा पारा, सुंडी पारा से लेकर तालाब पारा तक नालियां बनाई गई हैं। नाली निर्माण में गुणवत्ता और बहाव का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया था। इसका दुष्परिणाम लंबे समय से देखने को मिल रहे हैं। नालियां ठीक से नहीं बनाई गई हैं। नतीजतन गंदे पानी और गंदगी का बहाव नहीं हो पा रहा है। नालियों में गंदे पानी, कचरा और कीचड़ का जमाव हो गया है। नालियों से उठती बदबू ने माहरा पारा, सुंडीपारा और तालाब पारा के ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। नालियों के आसपास के घरों के रहवासी ठीक से भोजन नहीं कर पाते, भोजन करते समय लोगों को उबकाई आने लगती है। वहीं नालियों में जमा पानी में मच्छरों की आबादी काफी बढ़ गई है। मच्छर रातभर ग्रामीणों को सोने नहीं देते। मलेरिया का प्रकोप फैलने का खतरा बढ़ गया है। नालियों के जाम रहने से बरसात के दिनों में नाली का पानी और कचरा घरों के अंदर घुसने लगता है और नाली का पानी सड़क पर बहते रहता है। सड़क से आने जाने वाले ग्रामीण परेशान होते रहते हैं। कीचड़ और गंदगी के चलते लोग बीमार पड़ रहे हैं। घरों में बहुत ज्यादा मच्छर और मक्खी देखे जा सकते हैं। बदबू के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत की लापरवाही, सरपंच, सचिव की उदासीनता का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। नालियों की सफाई कराने की दिशा में पंचायत प्रतिनिधियों के ध्यान नहीं देने के कारण ऐसे हालात पैदा हुए हैं।