- महाअभियान में कलेक्टर के फरमान की धज्जियां
- नोडल अधिकारी जनपद सीईओ भी नहीं थे गंभीर
अर्जुन झा
बकावंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को फलीभूत करने के लिए बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के अपनी ओर से कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। कलेक्टर विजय आयुष्मान बस्तर की राह पर अग्रसर हैं, मगर उनके अपने मातहत ही उनकी राह का रोड़ा बन गए हैं। बकावंड जनपद पंचायत के सीईओ एसएस मंडावी कलेक्टर के सपने को चकनाचूर करते नजर आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों को निरोगी रखने के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू कर रखी है। इसके तहत लोगों के ईलाज पर पांच लाख रुपए तक के खर्च का वहन सरकार करती है। योजना का लाभ उठाने के लिए हर व्यक्ति के पास आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। बस्तर जिले में अभी 1 लाख 83 हजार 676 व्यक्तियों का पंजीयन आयुष्मान कार्ड के लिए नहीं हो पाया है। कलेक्टर विजय दयाराम के. की मंशा है कि बस्तर के शत प्रतिशत व्यक्तियों के पास आयुष्मान कार्ड हो। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कलेक्टर ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में 29 एवं 30 मई को आयुष्मान महा अभियान शिविरों का आयोजन करने के निर्देश जारी किए थे। इसके लिए सभी जनपदों में जनपद पंचायतों के सीईओ को नोडल अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारियों को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। मगर बकावंड जनपद पंचायत क्षेत्र में कलेक्टर के इस फरमान की सीईओ से लेकर कई पंचायत सचिवों तक ने खुलकर धज्जियां उड़ाई हैं। महा अभियान की अवधि निकल गई और जनपद क्षेत्र में अब भी सैकड़ों लोगों का पंजीयन नहीं हो पाया है। इसका एक बड़ा उदाहरण बकावंड जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत टलनार में देखने को मिला है। इस ग्राम पंचायत के सहायक सचिव लखबंधु कश्यप दोनों दिन शिविर से नदारद रहे। शिविर में पंजीयन कराने पहुंचे ग्रामीणों को दोनों दिन निराश होकर लौटना पड़ा।
इसकी शिकायत उप सरपंच तेनसिंह सेठिया ने बकावंड जनपद पंचायत के सीईओ एसएस मंडावी से की थी, मगर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। बताते हैं कि सहायक लखबंधु कश्यप की रोजगार मूलक कार्यों सहित पंचायत से संबंधित तमाम कार्यों मनमानी को लेकर सीईओ से कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, मगर सीईओ न जाने क्यों सहायक सचिव कश्यप पर इतने मेहरबान हैं? ऐसी ही शिकायतें कई अन्य ग्राम पंचायतों से भी आई हैं। इन पंचायतों में भी सैकड़ों लोगों का पंजीयन नहीं होगा पाया है।
खुन्नस तो नहीं निकाल रहे सीईओ
बताया गया है कि सीईओ महा अभियान के दौरान मॉनिटरिंग के लिए कई ग्राम पंचायतों में नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि महा अभियान को विफल करने की सोची समझी रणनीति के तहत सीईओ ने ऐसा किया है। ताकि योजना फ्लॉप हो जाए और सरकार के सामने कलेक्टर की फजीहत हो। चर्चा है कि कुछ दिनों पहले कलेक्टर ने बकावंड जनपद पंचायत में समीक्षा बैठक के दौरान जनपद सीईओ की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उन्हें जमकर फटकार लगाई थी।इसे सीईओ एसएस मंडावी ने अपनी तौहीन के रूप में ले लिया। उसी की खुन्नस निकालने के लिए आयुष्मान महा अभियान को सफल नहीं होने दिया है। अब कलेक्टर को दिखाने के लिए कागजी खानापूर्ति और फर्जी नामों के पंजीयन की रिपोर्ट कलेक्टर तक भेजने की तैयारी की जा रही है।