- डीएफओ, वन मंत्री और राज्यपाल से होगी शिकायत
- बस्तर संभाग में सक्रिय हैं अंतर राज्यीय तस्कर
–अर्जुन झा–
जगदलपुर बस्तर संभाग के बीजापुर वन मंडल के भोपालपटनम परिक्षेत्र में बीते साल वन विभाग के एसडीओ द्वारा पकड़े गए सागौन लदे पिक वाहन को कुछ ही घंटों बाद छोड़ दिए जाने का मामला अब फिर से तूल पकड़ने वाला है। यह सागौन लकड़ी किसी मधु नामक व्यक्ति के कब्जे से बरामद हुई थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि मधु से विभाग के किस अफसर से मधुर संबंध हैं, कि जिसके कारण लाखों की कीमती लकड़ी को यूं ही जाने दिया गया। वहीं यह बात भी पुख्ता हो गई है कि बस्तर संभाग के जंगलों का सफाया अंतर राज्यीय लकड़ी तस्कर विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में कर रहे हैं।
बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के वन मंडल बीजापुर अंतर्गत वन परिक्षेत्र भोपालपटनम में वर्ष 2023 में तेलंगाना निवासी मधु नामक व्यक्ति के पिक अप वाहन क्रमांक टीएस 28 टी 5039 को तारलागुड़ा चेक पोस्ट पर वन विभाग भोपालपटनम के एसडीओ द्वारा दबिश देकर पकड़ा गया था। वाहन समेत सागौन लकड़ी और मधु के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया था। मोबइल फोन से कुछ सुराग मिलने की बात बयान में कही गई थी। इतना बड़ा सुराग मिलने के बावजूद अवैध सागौन से भरे पिकअप वाहन को कुछ दिन बाद छोड़ दिया गया। आखिर किसके दबाव में या किस चीज के प्रभाव में आकर मामले को सलटा दिया गया? यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है। जबकि शासन के नियमानुसार सागौन का अवैध परिवहन करते पकड़े जाने वाले वाहन को राजसात करने का प्रावधान है। ज्ञात हो कि एसडीओ वन विभाग भोपालपटनम द्वारा एक स्थानीय समाचार पत्र को दिए गए एक बयान में तेलंगाना के मधु नमक व्यक्ति द्वारा सागौन से भरे वैन और दीवान को जप्त कर नियम अनुसार कार्रवाई करने की बात एसडीओ ने कही थी। उस बयान के अनुसार सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) के अंतर्गत जानकारी मांगे जाने पर जानकारी देने के बजाय सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सागौन और दीवान को एसडीओ द्वारा जप्ती की कार्रवाई की गई थी। अब उस दौरान स्थानीय समाचार पत्र को एसडीओ द्वारा दिए गए बयान की सीडी बनाकर राजयपाल, वन मंत्री और वन मंडलाधिकारी से शिकायत की जाने वाली है। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने अपने बयान में जो बात कही थी उससे हटकर से अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए न सिर्फ शासन को मिलने वाले राजस्व का नुकसान किया है, बल्कि बस्तर की वन संपदा को लूटने वालों का सहयोग भी किया है। इससे जाहिर होता है कि सागौन तस्कर से लेनदेन कर लकड़ी समेत पिक अप वाहन को छोड़ दिया। वन परिक्षेत्र अधिकारी भोपालपटनम और एसडीओ भोपालपटनम द्वारा तस्कर तेलंगाना निवासी मधु नामक व्यक्ति का मोबाइल फोन भी जप्त कर कई अहम सुराग मिलने की बात कही गई थी और कहा गया था कि मधु नामक तस्कर की वर्षों से विभाग को तलाश थी, परंतु अचानक सागौन सहित वाहन को बिना कार्रवाई किए छोड़ देना कई सवालों को जन्म दे रहा है। जब तस्कर वर्षों बाद रंगेहाथ पकड़ा गया था, तो यह एक बड़ी उपलब्धि थी, मगर इस उपलब्धि को भी एसडीओ और रेंजर ने कैसे हाथ से गंवा दिया? यह भी बड़ा यक्ष प्रश्न है।
तस्करों को खुला संरक्षण
वन विभाग के भोपालपटनम रेंज में हुए इस नाटकीय घटनाक्रम ने इस बात पर भी मुहर लगा दी है कि बस्तर के जंगलों से बेशकीमती पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई और निकासी में अंतर राज्यीय तस्करों को वन विभाग के अधिकारी ही खुला संरक्षण दे रहे हैं। उत्कृष्ट प्रजाति के पेड़ों की अवैध कटाई और उनकी लकड़ियों की निकासी लगातार हो रही है। इस मामले में भोपालपटनम वन परिक्षेत्र कुछ ज्यादा ही कुख्यात हो चला है। इस रेंज से आएदिन पेड़ों की अवैध कटाई के मामले सामने आते ही रहते हैं। कुछ ही दिनों पहले एक निर्माणाधीन शाला भवन की बाउंड्रीवॉल के दायरे में आए सागौन के अनेक पेड़ों को रेंजर ने कटवा कर थोड़ी दूर स्थित गड्ढे में डलवा दिया था। बाद में इन पेड़ों के लट्ठों को रहस्यमय ढंग से बाहर भिजवा दिया गया। इस मामले में भी लीपापोती कर दी गई। बताया जाता कि वन विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से लकड़ी तस्करी का खुला खेल चल रहा है।