पालकों के सहयोग से शिक्षा व्यवस्था को बनाया जा सकता है और भी मजबूत : कश्यप

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  • स्वामी आत्मानंद स्कूल में शिक्षक पालक मेगा बैठक

करपावंड शासन के निर्देशानुसार संकुल स्तरीय मेगा पालक शिक्षक बैठक स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संकुल प्राचार्य डीके कश्यप के नेतृत्व में आयोजित की गई।

इस अवसर पर प्राचार्य डीके कश्यप ने कहा कि पालकों के सहयोग के बिना स्कूल का संचालन बेहतर नहीं हो सकता। इसके लिए प्रतिदिन छात्रों को स्कूल भेजना होगा। अनुपस्थित एवं ड्राप आउट शाला त्यागी बच्चों की संस्था में दिनों दिन कम होती जा रही है। जो चिंता का विषय है। ग्रामीण क्षेत्र के पालकों को शिक्षा का महत्व समझना होगा।

अपने बच्चों के भविष्य निर्माण में स्कूल को सहयोग करना पड़ेगा। यदि बच्चा एक दिन स्कूल नहीं आता है, तो उस दिन पढ़ाए गए पाठ से अनभिज्ञ रह जाता है, पीछे हो जाता है। कुछ पालक घर के कार्य में बच्चों को संलग्न कर देते हैं। हफ्ते भर स्कूल नहीं आते। तीज त्यौहार मेला मड़ई में भी यही स्थिति देखने को मिलती है। छात्र से स्कूल नहीं जाने का कारण पालकों को पूछना चाहिए। बच्चों का दिमाग उतना विकसित नहीं रहता है इसलिए सब कुछ आपको करना चाहिए। शाला त्यागी बच्चों की समस्या भी गंभीर विषय है। कुछ लोग अन्य प्रदेशों में काम के लिए छात्रों को भेजते हैं ।बाल श्रम को अपराध माना गया है। यह सब ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिलता है। जबकि शहरी क्षेत्रों मे पालक जागरूक होने के कारण पढ़ाई पर विशेष ध्यान देते हैं।  कश्यप ने कहा कि आप सबको भी शहरी शिक्षा व्यवस्था को देखकर अनुकरण करना चाहिए। शिक्षकों के कर्तव्य का जिक्र करते हुए श्री कश्पप ने कहा कि हमारे शिक्षक पढ़ने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अनुपस्थित छात्रों को फोन करके भी बुलाया जाता है। मैंने अपने स्तर पर निर्देश भी दे रखा है। सुझाव आया है कि स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल में गणित भौतिकी, रसायन शास्त्र के व्याख्याता की पदस्थापना होनी चाहिए।अंग्रेजी माध्यम में रिक्त पदों पर शीघ्र ही पदस्थापन हो जाएगी। अंग्रेजी माध्यम के लिए अलग से शाला भवन का निर्माण, स्कूल के लिए भवन व्यवस्था कर एक शिफ्ट में संचालन करना, पुराने भवन की मरम्मत, आधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण, आधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण भी जरूरी है।पालकों को श्री कश्यप ने कहा कि शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कक्षा 10वीं तक निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना, कक्षा तीसरी से 5वी तक आदिवासी, अनुसूचित वर्ग की कन्याओं को छात्रवृत्ति, कक्षा 6वीं से आदिवासी, अनुसूचित वर्ग, ओबीसी छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना, मध्यान्ह भोजन की सुविधा दी जा रही है। छात्रों को प्राइवेट स्कूलों की तरह टिफिन लाना नहीं पड़ता है। कश्यप ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम में संपन्न लोग ही प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ाते थे। अब सरकार की यह योजना गरीबों के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल शिक्षा बेहतर साबित हो रही है। आने वाले समय में सरकार की योजना है कि 12वीं तक के छात्रों को भी निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाएगा। पालक बालक सम्मेलन को संस्था की उप प्राचार्य अर्चना कश्यप, कविता साहू माध्यमिक विद्यालय, जोशी प्राथमिक विद्यालय हेड मास्टर पंकज सिंह, माध्यमिक विद्यालय हेडमास्टर रश्मि त्रिपाठी, सामोराम कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या शिक्षक शिक्षिकाएं और पालक उपस्थित थे।