अवैध कमाई का अड्डा बन गया है बस्तर संभाग में आदिम जाति कल्याण विभाग, वसूली का एक और ऑडियो आया सामने

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  • बीजापुर के बाद बस्तर जिले में भी आया मामला
  • विधायक को बदनाम करने की बड़ी साजिश की बू 

अर्जुन झा-

जगदलपुर बस्तर संभाग में आदिम जाति कल्याण विभाग में आदिवासी छात्र छात्राओं के हक और निवाले पर डाका डालने का खुला खेल चल रहा है। विभाग के एक और मंडल संयोजक द्वारा छात्रावास अधीक्षिका से मोटी रकम की डिमांड किए जाने का मामला सामने आया है। वसूली का एक ऑडियो टेप उजागर हुआ है, जिसमें मंडल संयोजक विधायक के नाम पर छात्रावास अधीक्षिका से सीधे एक लाख रुपए की डिमांड करता सुनाई दे रहा है। अधीक्षिका जब साफ कह देती है कि विधायक जी से कह देना – मुझे हटवाकर किसी और को यहां नियुक्त करवा दीजिए। इस जवाब से मंडल संयोजक हड़बड़ा जाता है और सफाई देने लग जाता है। इससे जाहिर होता है कि विधायक की आड़ में तथाकथित मंडल संयोजक अपना स्वार्थ साधने की कोशिश में था, मगर उसकी दाल गल नहीं पाई। वहीं दूसरी ओर अगर विधायक की डिमांड होती, तो विधायक अपने पीए अथवा किसी विश्वसनीय समर्थक से कहलवाते।

विधायक के आड़ में वसूली के इस मामले की उच्च स्तरीय जांच जरूरी h ताकि पता चल सके कि विधायक को बदनाम करने की ऎसी साजिश आखिर किसने रची है?

बस्तर संभाग के आश्रमों, कन्या परिसरों और छात्रवासों के अधीक्षक अधीक्षिकाओं से अवैध वसूली का खेल खुलेआम चल रहा है। यह वसूली इन संस्थाओं में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राओं की भोजन व्यवस्था व अन्य सुविधाओं के लिए शासन द्वारा दी जाने वाली राशि में से की जा रही है। बिचौलिये के रूप में काम करने वाले मंडल संयोजकों के माध्यम से कमीशन की वसूली कराई जा रही है। बीजापुर जिले में लीक हुए एक ऑडियो टेप में खुलासा हुआ था कि कमीशन की वसूली विभाग के सहायक आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी और आयुक्त के नाम पर की जा रही है। हालांकि मामला सामने आने के बाद बीजापुर कलेक्टर ने संबंधित मंडल संयोजक को निलंबित कर दिया है और एक अधीक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अब बस्तर जिले के बास्तानार ब्लॉक में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां का भी एक ऑडियो टेप उजागर हुआ है। इस ऑडियो टेप में मंडल संयोजक एक अधीक्षिका से कह रहा है कि विधायक जी ने एक लाख रुपए मंगाए हैं। रुपए जल्दी दे देना। जो नहीं दे रहे हैं, उन्हें हटवा दिया जाएगा। तुम नहीं दोगी तो कोई दूसरा ज्यादा देकर तुम्हारी जगह पर बिठा दिया जाएगा। इस पर अधीक्षिका जवाब देती है कि यह तो बहुत बड़ी रकम है, 10-20 होता तो चल जाता। तब मंडल संयोजक कहता है कि देख लो इसमें तुम्हारी ही भलाई है। इस पर अधीक्षिका पूछती है कि आपसे विधायक ने कहा है या उनके पीए ने? मंडल संयोजक जवाब देता है कि स्वयं विधायक जी ने कहा है। इसके बाद अधीक्षिका कहती है ठीक है भैया एक काम करो, मेरी जगह किसी और को नियुक्त करवा दो, मैं इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकती। बच्चों के लिए इंतजाम करने में बड़ी दिक्कत होती है। ऊपर से 20 बच्चे और बढ़ गए हैं। अधीक्षिका के इस तेवर को देख मंडल संयोजक हड़बड़ा गया और कहने लगा – नहीं, नहीं तुम चिंता मत करो, मैं विधायक जी से बात कर लूंगा। इस ऑडियो टेप के संवाद से जाहिर होता है कि विधायक की आड़ में अवैध वसूली की कोशिश की जा रही है। जानकार कहते हैं कि अगर विधायक को किसी से रुपए लेने होंगे, तो वे अपने पीए अथवा किसी अति भरोसेमंद कार्यकर्ता के जरिए सीधी डीलिंग करते, किसी सरकारी कर्मचारी का सहारा क्यों लेते? कुल मिलाकऱ इस पूरे मामले में किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है। इसकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है।

ये था बीजापुर का मामला

ऎसी ही वसूली का एक ऑडियो बीजापुर जिले से सामने आया था। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रमों, कन्या परिसरों और छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं को नियमित रूप से पौष्टीक भोजन, नाश्ता, साबुन, सेनेटरी नेपकिन, बिस्तर, गद्दे, चादर, कम्प्यूटर व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने, भवनों के रख रखाव आदि के लिए शासन द्वारा प्रतिमाह हर छात्रावास व आश्रम को लाखों रुपयों का आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। इस रकम पर विभागीय अधिकारियों की नजर गड़ी रहती है। छात्र छात्राओं को स्तरहीन चावल, दाल, सब्जी व नाश्ता देकर रकम अंदर कर ली जाती है। चादरों, बेडशीट की सालों धुलाई नहीं करवाई जाती, न बच्चों को नहाने व कपड़े धोने के साबुन दिए जाते हैं और न ही छात्रवृत्ति की पूरी रकम दी जाती है। इन मदों पर बोगस खर्च बताकर पूरी रकम आपस में बांट ली जाती है। हर अधीक्षक अधीक्षिका से हर माह 15 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक की वसूली की जाती है। वसूली की जिम्मेदारी विभाग के मंडल संयोजक को दी गई है, जो हर माह वसूली के ही काम में लगा रहता है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में एक शिक्षक को मंडल संयोजक नियुक्त कर उसे वसूली में लगा दिया गया था। इस मंडल संयोजक कैलाश रामटेके की वसूली का एक ऑडियो वायरल हो गया था। यह ऑडियो मंडल संयोजक और किसी लक्ष्मी नामक छात्रावास अधीक्षिका के बीच फोन पर हुई बातचीत का बताया जा रहा है जिसमें मंडल संयोजक द्वारा लक्ष्मी से कहा जा रहा है कि तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठाती? तुम रकम भेजो, मैं अपने भाई को भेज रहा हूं उसे दे देना। हर माह साहब तक पैसा पहुंचाना जरूरी है। महिला 10 यानि 10 हजार देने की बात कहती है, तो मंडल संयोजक पूरे 30 हजार की डिमांड करता है। इसी बीच मंडल संयोजक पूछता है कि पहले रुपए किसे देते थे, तब महिला बताती है कि विष्णु सर को देते थे। फिर मार्च अप्रैल के बकाया की बात होती है। किसी सीमा का जिक्र होता है। कथित संयोजक कहता है कि कमिश्नर को हर माह 50 हजार रुपए देना पड़ता है। इसी दौरान मंडल संयोजक यह भी कहता है कि जो रकम नहीं देगा, उसे हटा दिया जाएगा। ऑडियो में कमिश्नर, जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक आयुक्त तक को रकम देने की बात कही गई है।