ईडी की नजर में शराब घोटाले के मास्टर माइंड हैं पूर्व आईएएस विवेक ढांड

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  • कई बड़ी हस्तियों पर लटकती नजर आ रही है अब ईडी की तलवार 

अर्जुन झा

जगदलपुर ईडी ने पूर्व आईएएस विवेक ढांड को छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले का मास्टर माइंड ठहराया है।इसके बाद और भी कई बड़ी राजनैतिक एवं प्रशासनिक हस्तियों पर ईडी का शिकंजा कसने की संभावना प्रबल हो गई है। जांच में अब ईडी ने पूर्व आईएस विवेक ढांड को सरगना बताकर सियासी और प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी है।

छत्तीसगढ़ के बड़े शराब घोटाले में अब बड़ा ट्विस्ट आ गया है। मौजूदा घटनाक्रमों से अहसास होने लगा है कि शराब घोटाले के असल किरदार खादी की पोशाक पहनने वाले सियासतदां ही हैं और उनके ही इशारे पर अधिकारियों ने सारा खेल किया है। बकरा कटता रहा और सबको बंटता रहा। अफसर और सियासतदानों ने जमकर मौज की है। घोटाला करके जहां शासन को राजस्व की बड़ी क्षति पहुंचाई गई, वहीं राज्य के लोगों को घटिया शराब पिलाई जाती रही। ईडी ने विवेक ढांड को शराब घोटाले का सरगना बताया है। उन्हीं के निर्देशन में अहम किरदार अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी घोटाले को अंजाम देते रहे। विवेक ढांड को इस घोटाले की रकम का बड़ा हिस्सा मिलने की भी सुगबुगाहट है।

बेनकाब होंगे बड़े कई चेहरे

ईडी को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की सात दिन की रिमांड मिलने के बाद अब कई बड़े चेहरों से भी नकाब हटने की संभावना जताई जा रही है। ईडी ने शराब घोटाले से जुड़ा विस्तृत ब्यौरा तैयार कर लिया है। सूत्र बताते हैं कि फरवरी 2019 से लेकर जून 2022 तक किए गए 2 हजार 161 करोड़ रुपयों के शराब घोटाले की रकम किन किन हस्तियों तक पहुंची है, इसकी भी जानकारी ईडी ने जुटा ली है। ईडी ने बीते 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके जिला पंचायत अध्यक्ष बेटे हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के सुकमा स्थित ठिकानों, रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले में कवासी लखमा के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित निवास में तलाशी अभियान चलाया था। ईडी के वकील के मुताबिक ईडी को आपत्तिजनक रिकॉर्ड, कई डिजिटल डिवाइस और ठोस साक्ष्य मिले हैं। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि अब कई और बड़े चेहरे जल्द बेनकाब होंगे।