- राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चौथे दिन मशरूम की खेती पर परिचर्चा
जगदलपुर शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर जगदलपुर द्वारा सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर ग्राम पंचायत कविआसना में 24 से 30 मार्च तक आयोजित किया गया है।
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा दैनिक गतिविधियों के तहत आज 27 मार्च को सुबह 5 बजे लक्ष्य गीत के साथ प्रभात फेरी निकाली गई। योग व्यायाम, सूर्य नमस्कार, कपाल भाती, प्राणायाम, अनुलोम -विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, वज्रासन एवं शवासन इत्यादि से दिनचर्या की शुरुआत की गई। प्रातः 8 बजे से 12.30 बजे तक परियोजना कार्य के अंतर्गत स्वयंसेवकों द्वारा ग्राम कविआसना के मांझी पारा, ठाकुर बस्ती, प्राथमिक शाला परिसर एवं शिव मंदिर चौक की साफ सफाई कर स्वच्छता की जानकारी दी गई। इसका नेतृत्व महा दलनायक एवं दलनायिका क़ी अनुमति से समस्त समूहों के नेतृत्वकर्ताओ ने किया। साफ सफाई के साथ ही स्वयं सेवकों द्वारा ग्रामीण सर्वे कार्यक्रम तथा ग्रामवासियों की अनुमति से दीवारों पर शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वछता एवं नैतिकता आधारित स्लोगन लेखन किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत दैनिक बौद्धिक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विषय मशरूम उत्पादन तकनीक था।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. प्रहलाद नेताम क़ृषि महाविद्यालय जगदलपुर थे।
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजीवन कुमार, एनएसएस शिविर प्रभारी डॉ. भुनेश्वर साहू, डॉ. सोहन कुमार मिश्रा, डॉ. दुर्गेश डिक्सेना, डॉ. रेखा जीवनानी, बहोरन लाल सूर्यवंशी, संतोष झा, महा दलनायक भुवन सिन्हा, महा दलनायिका सुमन राठौर, समूह नेतृत्वकर्ता श्वेता डहरिया, भूमिका मौर्य, प्रदुमन पदमे, टिकेश्वर साहू, मोबीन खान, डमरूधर कश्यप, काजल रानी राठौर, प्रवीण कुमार एवं समस्त स्वयंसेवकों ने इसमें भाग लिया। बौद्धिक परिचर्चा का शुभारंभ युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र पर पूजा अर्चना कर किया गया। तत्पश्चात स्वागत उद्बोधन एवं अतिथि परिचय हेतु एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर संजीवन कुमार ने दिया। मुख्य वक्ता द्वारा प्रयोग के माध्यम से मशरूम की फसल की जानकारी, कम उत्पादन में अधिक लाभ, मशरूम के शारीरिक फायदे, पोषण आहार युक्त भोजन की जानकारी, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु दिनचर्या तथा बीएमआई परीक्षण की जानकारी साझा की गई। चर्चा के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा मशरूम उत्पादन तकनीक संबंधी प्रश्न पूछे गए जिनका उत्तर डॉ. प्रह्लाद नेताम ने दिया। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम समापन हुआ। बौद्धिक परिचर्चा कार के पश्चात खेलकूद का आयोजन किया गया जिसमें स्वयंसेवकों ने आनंदपूर्वक बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस बीच कुछ ग्रामवासी भी परिसर में उपस्थित होकर खेल का आनंद उठा रहे थे।
दिनचर्या के अंतिम कड़ी में संध्या 6 से 8 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम संचालित हुआ जिसमें आज ग्रामीणों द्वारा रामायण भजन कीर्तन प्रस्तुत किया गया और भक्ति भावपूर्ण वातावरण बनाया गया। एनएसएस शिविर का चतुर्थ दिवस सुखद व आनंदमय रहा।