बालोद। आज पूरे छत्तीसगढ़ में ओबीसी महासभा के द्वारा अपने अपने जिले के कलेक्टर को जनगणना फार्मेट में ओबीसी का कॉलम बनवाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया। स्थानीय कलेक्टर,एसडीएम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्कूल शिक्षा अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन डॉक्टर भगवान लाल साहनी के नाम से ज्ञापन दिया गया। बालोद में कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए पहुंचे हुए प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम सहित जिलाध्यक्ष यज्ञदेव् पटेल व अन्य लोगों ने ज्ञापन सौंपने के साथ अपनी मांगों पर कलेक्टर से चर्चा की। वहीं कलेक्टर जनमेजय महोबे ने उनकी मांगों को लेकर सरकार को अवगत कराने आश्वस्त किया है। उन्हें आगे भी अपेक्षित सहयोग
करने की बात कही। ज्ञापन के माध्यम से ओबीसी महासभा द्वारा कहा गया कि संविधान में सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े समुदायों को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के रूप में 3 वर्ग बनाए गए हैं।जनगणना में इन तीनों वर्गों की दशाओं के आंकड़े एकत्रित किए जाने चाहिए लेकिन अजा व अजजा वर्ग की जनगणना तो होती है किंतु अन्य पिछड़ा वर्ग की नही होती है। क्योंकि ओबीसी वर्ग का कॉलम ही नहीं होता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय समाज की विविधता से जुड़े तथ्यों को सामने लाना है ताकि देश को समझने का रास्ता खुल सके। इन आंकड़ों का इस्तेमाल नीति निर्माताओं से लेकर समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र जनसंख्या और आंकड़ा विज्ञानी करते हैं। जनगणना में अगर तमाम जातियों के आंकड़े जुटाए जाए तभी जनगणना का उद्देश्य पूरा होता है।
यह है जनगणना के इतिहास
भारत में पहली बार जनगणना 1872 में हुई। और फिर 1881 के बाद से हर 10 साल में जनगणना हो रही है। भारत में 1931 तक हर जाति की गिनती होती थी। जनगणना की रिपोर्ट में हर जाति की संख्या और उसकी शैक्षणिक व आर्थिक हालत का ब्यौरा होता था। 1941 की जनगणना में जाति का कॉलम था। लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध के जारी होने के कारण इस जनगणना का काम सुचारू रूप से नहीं हो पाया और आंकड़े नहीं आए। इसलिए आज भी जाति के किसी भी आंकड़े की जरूरत होती है तो 1931 की जनगणना रिपोर्ट का हवाला दिया जाता है। 1931 की जनगणना के आधार पर ही द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग यानी मंडल कमीशन ने पिछड़ी जातियों की आबादी 52 फीसदी बताई थी और उसके लिए आरक्षण की
सिफारिश की थी। संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित आयोग काका कालेलकर आयोग मंडल आयोग व मध्य प्रदेश राम जी महाजन आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की अनुशंसा की गई है। इसके अनुसार इस हेतु संसद में बनी सहमति के आधार पर जनगणना 2011 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े एकत्र करने के प्रयास किए गए लेकिन आंकड़े जारी नहीं किए गए। ओबीसी महासभा द्वारा लंबे समय से प्रतिमाह ज्ञापन देकर जनगणना 2021 में शासन प्रशासन से निवेदन किया जाता रहा है लेकिन पूर्व की भांति इस बार भी जनगणना फॉर्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी का कॉलम नहीं है। इससे फिर ओबीसी की जनसंख्या व उसकी परिस्थिति का आकलन नहीं हो पाएगा। जिससे ओबीसी वर्ग के विकास करने की संवैधानिक मनसा फिर अपूर्ण रह जाएगी।
इस मांग पर क्या क्या हुआ अब तक
जनगणना 2021 के फॉर्मेट में कॉलम 13 में ओबीसी के लिए 3 और अन्य के लिए 4 लिखें,का विकल्प बनवाने हेतु प्रस्ताव को पारित करवाकर केंद्र सरकार को पहुंचाने ओबीसी महासभा द्वारा 21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 100 से अधिक पंचायतों के माध्यम से नागरिकों द्वारा ज्ञापन प्रेषित किए गए हैं। इसके अलावा समय-समय पर विभिन्न संगठनों के माध्यम से भी समर्थन जुटाकर ओबीसी महासभा उक्त मांग कर रही है।
यह चेतावनी भी दी गई
ज्ञापन के माध्यम से ओबीसी महासभा की जायज संविधानिक मांग पर अगर कार्यवाही नहीं की गई तो फिर जनगणना 2021 का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी गई है। जिसके तहत चरणबद्ध आंदोलन भी होगा। ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन 18 से 22 जनवरी तक होगा। ब्लॉक मुख्यालय पर अनशन 24 से 25 जनवरी को होगा। फिर सभी ग्रामों में सभाओं का आयोजन 26 जनवरी को होगा। जिला मुख्यालयों पर जेल भरो आंदोलन भी आने वाले दिनों में होगा।
ये पहुंचे थे कलेक्टर को ज्ञापन देने
बालोद में ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रमुख रुप से जिला संयोजक सीबी साहू जिलाध्यक्ष यज्ञदेव पटेल, जिला संयोजक महिला मोर्चा प्रतिभा चौधरी, तहसील अध्यक्ष दुर्जन साहू, तहसील अध्यक्ष महिला मोर्चा लता साहू, नगर अध्यक्ष बालोद संजय सोनबोइर, नगर अध्यक्ष महिला मोर्चा चमेली साहू, जिलाध्यक्ष छात्र मोर्चा पीयूष साहू, जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा रोशन सार्वां, जिला मीडिया प्रभारी दीपक यादव, गिरीश चन्द्राक, प्रदेश कार्यालय प्रभारी, जितेंद्र साहू, वार्ड पार्षद लेखराज साहीरो, प्रीतम देशमुख, विवेक चंद्राकर, राधा साहू, यूरेका साहू, ललित, नारायण साहू, यादवेंद्र साहू, मोनू साहू, हितेश कुमार साहू, भोला शंकर साहू, पियूष कुमार, पवन साहू, बेनी राम, सारवान, युवराज राम, केशो राम, रूपम देशमुख, दुलार सिंह,रामभरोसा, गिरीश चंद्राकर, दिनेश साहू सहित बड़ी संख्या में ओबीसी के पदाधिकारी पहुंचे थे।