जगदलपुर । कोरोना संक्रमण काल के दौरान पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ अपना कार्य को बखूबी अंजाम देने वाले स्वास्थ्य संयोजक के निलंबन एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को धमकी देकर उनकों निलंबन कराने के धौंस देने वाले तथाकथित दीपक पाणीग्राही जो महामारी विशेषज्ञ सलाहकार के रूप में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ हैं। के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपना अभियान जारी रखते हुए आयुक्त बस्तर को एक पत्र लिखकर संविदा कर्मचारी के रूप में पदस्थ दीपक पाणीग्राही सलाहकार महामारी को तत्काल बर्खास्त कर मामले की समूचित जांच करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने आयुक्त बस्तर से इस मामले की जांच कर निवेदन करते हुए मांग की है कि कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदलपुर में पदस्थ दीपक पाणीग्राही सलाहकार महामारी आईडीएसपी में संविदा कर्मचारी के रूप में पदस्थ है एवं खुद को महामारी विशेषज्ञ एवं डॉक्टर बताते हैं। जो पूर्ण रूप से असत्य है। उनके द्वारा जिला प्रशासन को भ्रामक जानकारी दी गई है। उनका कार्य केवल जिले में होने वाले महामारी का डाटा संबंधित जानकारी विकासखंड स्तर से प्राप्त कर उसका डाटा तैयार कर जिला कलेक्टर एवं राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी को भेजना होता है। उन्हें केवल इसी कार्य का संपादन किया जाना होता है लेकिन उनके द्वारा अपने परिचय का गलत उपयोग कर विभाग के अन्य कर्मचारियों को धमकी देकर कई प्रकार के अनर्गल कार्य करने हेतु उनपर दबाव बनाया जाता है। इसकी शिकायत कई बार वहां कर्मचारियों द्वारा की गई जिसपर विभाग के उच्चअधिकारियों सहित सीएमओ बस्तर द्वारा भी जांच कराने का आदेश दिया गया है। लेकिन संविदा के रूप में कार्यरत ऐसे गैर जिम्मेदार कर्मचारी को जबसे महामारी सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया है। तबसे वे अपने मूल कार्य के प्रति उदासिन रहकर केवल अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को डराने धमकाने एवं निलंबन कराने में लगे हैं।
उनकी इसी हरकत पर तत्कालीन नोडल अधिकारी डॉ. टी एस नाग द्वारा उनसे स्पष्टिकरण भी मांगा गया था। दीपक पाणीग्राही द्वारा अपने आप को धरमपुरा कोविड सेंटर के कर्मचारियों को भी उनका तथाकथित बॉस हूं बताकर भर्ती मरीजों को होम आइसोलेशन में भेजने को कहा जाता है। इसकी शिकायत भी धरमपुरा कोविड सेंटर के कई कर्मचारियों द्वारा अपने उच्चअधिकारियों को समयानुसार की गई है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ने आयुक्त से मांग की है कि वर्ष 2020 में अपने बदले पदनाम के बाद भी अपने आप को विशेषज्ञ एवं डॉक्टर बताकर स्वास्थ्य कर्मचारियों को डराने-धमकाने का प्रयास करता है जो कि एक अपराध की श्रेणी में आता है। यही नहीं उक्त महामारी विशेषज्ञ द्वारा अवैध रूप से सरकारी वाहन का भी दुरूपयोग किया जा रहा है। उसकी गतिविधियां एवं कार्य शासन के नियमों के विरूद्ध है। ऐसे व्यक्ति को तत्काल निलंबित कर उसके खिलाफ जांच की आदेश दिया जाये ताकि कोरोना संक्रमण काल में आम लोगों के जीवन को सुरक्षित करने ऐस स्वास्थ्य कर्मचारियों का मनोबल ऊंचा रहे और वे आम जनता की सेवा शासन-प्रशासन के नियमों के तहत करते रहे।