“जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का” यही हाल नारायणपुर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती प्रक्रिया का

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सैय्यद वली आज़ाद – नारायणपुर

यू तो नारायणपुर का स्वास्थ्य विभाग हमेशा सुर्खियों में रहता है अपनी लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पर इस बार अपनी भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है ज्ञात हो कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पदों की भर्ती हेतु जुलाई 2019 को 36 विभिन्न विभिन्न पदों पर वाक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से चयन हेतु विभाग द्वारा विज्ञापन जारी किया गया था और अगस्त एवं सितंबर माह में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई थी पर जब भर्ती प्रक्रिया को लेकर कुछ अभ्यर्थियों में असंतोष था उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत विभाग से भर्ती प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजो की जानकारी मांगी गई जब विभाग द्वारा दिए गए दस्तावेजों का अध्ययन किया गया तो पता चला की विभाग में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों की पत्नियों को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के माध्यम से पात्र कर चयन सूची में डाला गया और भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण की गई है अधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को भर्ती करने सभी नियमों को ताक में रख कर फायदा पहुचाया गया है। विभाग के अधिकारियों एवं चयन समिति के सदस्यों ने भ्रष्टाचार करके जो पात्र अभ्यर्थी थे उनको अपात्र करके और जो अपात्र अभ्यर्थियों को धांधली कर नौकरी दी गई है।भर्ती प्रक्रिया में खुल के भ्रष्टाचार का खेल चला है विभाग में पहले से सेवा दे रहे कर्मचारियों के परिजनों को फर्जी तरीके से भर्ती करने का खेल खेला गया है स्थानीय लोगो को दर किनार कर फर्जी दस्तावेज के जरिये स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों के परिजनों को नॉकरी दी जा रही हैं। अब आगे देखना है कि प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।