गुणवत्ता की खुली पोल, मंडी बोर्ड के कार्यो

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उपमंडी का शेड हुआ धराशायी, विभाग बेखबर  

गुणवत्ता की खुली पोल, मंडी बोर्ड के कार्यो में हो रही लिपापोती

जगदलपुर – बस्तर जिले के बकावण्ड विकासखंड के करपावण्ड उपमंडी का शेड धराशायी होने से दर्जनों व्यापारियों का ईमली, महुआ,धान हुआ खराब। शेड के धराशायी होने के सप्ताह दिन बाद भी मंडी बोर्ड इससे अनजान बना हुआ है। शेड धराशायी होने से गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे है। कुछ व्यापारियों ने तो यह भी कहा कि मंडी बोर्ड के सभी जगह के निर्माण कार्यों में अनियमितता की जा रही है। गुणवत्ता की देख रेख करने वाले जिम्मेदार

अधिकारी एसी कमरे से बाहर निकलने से परहेज करते है तो काम ऐसा ही होगा। ज्ञातव्य हो कि पिछले सप्ताह तेज बारिश एवं सामान्य हवा के बहाव में कृषि उपज उपमंडी करपपावण्ड का शेष धराशायी हो गया।

बताया जाता है कि कुछ वर्ष पूर्व ही लाखों की लागत से शेड का निर्माण किया गया था। कमीशन के लालच में गुणवत्ता में लिपापोती किए जाने के कारण मंडी शेड के ये हालात है। यह विडम्बना है कि मंडी धराशायी होने के सप्ताह दिन बाद भी मंडी बोर्ड के द्वारा सुध नहीं लिया गया। उपमंडी के कई शेड धराशायी हो गये है जिस समय शेड धराशायी हुआ उस समय मजदूर भी वहां काम कर रहे थे मजदूरों ने वहां से जान बचाकर भाग निकले।

गुणवत्ता की खुली पोलः

मंडी बोर्ड गुणवत्ता को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है। जिले में मंडी बोर्ड के द्वारा कई स्थानों पर शेड का निर्माण कराया गया है उक्त कार्यों में भी भारी अनियमितता बरती गई है। जैसा करपावण्ड उपमंडी का हाल हुआ वैसे ही अन्य मंडियों का हाल होने वाला है। विभाग के अधिकारी गुणवत्ता को दरकिनार कर अपनी जेब गर्म करने में लगे है जिसका आलम यह है कि मंडी बोर्ड द्वारा तैयार किया गया शेड धराशायी हो रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण करपावण्ड उपमंडी है।

घटिया निर्माण को लेकर जब मंडी बार्ड के अधिकारियों से जानने का प्रयास किया गया तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गोलमोल जवाब देते हुए कुछ भी बोलने से बचते रहे।