रायपुर से बस्तर तक रेल के लिए फिर जूझ रहे सांसद दीपक बैज…

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  • दल्लीराजहरा,जगदलपुर, रावघाट रेल लाइन निर्माण की संसद में मांग
  • भूमि अधिग्रहण और परियोजना के समापन के बाद 4 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है

जगदलपुर बस्तर सांसद दीपक बैज रायपुर से बस्तर तक सीधी रेल के लिए फिर नए सिरे से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने दल्ली राजहरा,जगदलपुर, रावघाट रेल लाइन निर्माण की संसद में मांग की है। सांसद बैज पूर्व में भी कई बार रेल सेवा हेतु निर्माण कार्य में तेजी लाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने बस्तर को सीधी रेल दिलाने का बीड़ा उठाया है।
बस्तर सांसद दीपक बैज ने जगदलपुर और रावघाट के बीच रेल लाइन का निर्माण किए जाने के संबंध में लोकसभा में सवाल किया कि क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या जगदलपुर रावघाट दल्ली राजहरा रेल लाइन परियोजना का भूमि पूजन 28 सितंबर 2018 को किया गया था। यदि हां तो उक्त रेल लाइन की वर्तमान स्थिति क्या है। जगदलपुर रेल लाइन के निर्माण की अब तक की स्थिति क्या है और उक्त परियोजना के कब तक पूरा होने की संभावना है और इस दिशा में हुई प्रगति का ब्यौरा क्या है।

सांसद दीपक बैज के सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का जवाब आया है कि दल्ली राजहरा रावघाट जगदलपुर रेल लाइन परियोजना के जगदलपुर राव घाट हिस्से का 28.9. 2018 को भूमि पूजन किया गया था। रेलवे ने दल्ली राजहरा रावघाट जगदलपुर रेल लाइन (235 किलोमीटर) परियोजना का दो चरणों में निर्माण शुरू कर दिया है। परियोजना का चरण 1 दल्लीराजहरा से रावघाट 95 किलोमीटर तक है और परियोजना का चरण 2 रावघाट से जगदलपुर (पंचानवे) 235 किलोमीटर है। दल्ली राजहरा रावघाट 95 किलोमीटर के बीच की परियोजना के चरण 1 का कार्य निष्पादन रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है जिसका वित्तपोषण स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड सेल द्वारा किया जा रहा है और रावघाट जगदलपुर 140 किलोमीटर के बीच परियोजना के द्वितीय चरण का कार्य निष्पादन बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड नामक विशेष प्रयोजन योजना द्वारा किए जाने की योजना बनाई गई है। जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार ,सेल, नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन शामिल हैं।इस परियोजना की वर्तमान स्थिति निम्नानुसार है -दल्ली राजहरा आरवीएनएल द्वारा निष्पादित और सेल द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। इस परियोजना की नवीनतम प्रत्याशित लागत 1622 करोड़ रुपए है। इस खंड का कार्य 2010 में शुरू किया गया था। दल्ली राजहरा से अंतागढ़ 60 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है । शेष खंड में कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका परियोजना क्षेत्र वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और इस कार्य को प्रतिदिन मोबिलाइजेशन और डिमोबिलाइजेशन सहित समर्पित सुरक्षा व्यवस्था के साथ पूरा किया जाना है। यदि इसके लिए तंत्र की आवश्यकता है कि परियोजना के निष्पादन की गति प्रभावित होती है। किसी भी रेल परियोजना को पूरा होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे राज्य सरकार द्वारा भूमि का शीघ्र अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वानिकी की स्वीकृति, बाधक जनोपयोगी सेवाओं का अंतरण, विभिन्न प्राधिकरण से संविधिक स्वीकृतियां क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थिति परियोजना साइड के क्षेत्र की कानून एवं व्यवस्था संबंधी स्थिति विशेष परियोजना साइटों पर वर्ष में कार्य करने के महीनों की संख्या आदि यह सभी कारक पर योजना के समापन समय को प्रभावित करते हैं। उपर्युक्त बाधाओं के बावजूद रेलवे द्वारा परियोजना को शीघ्रता से पूरा करने का हर संभव प्रयास किए जाते हैं। चरण 2 रावघाट जगदलपुर 140 किलोमीटर के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रक्रिया के लिए आवश्यक 776 हेक्टेयर भूमि में से लगभग 249 हो गई है। 527 हेक्टेयर भूमि अभी अधिग्रहित की जानी है जिसमें से 95 हेक्टेयर निजी भूमि है और 432 हेक्टेयर वन भूमि है।योजना के द्वितीय चरण को भूमि अधिग्रहण और परियोजना के समापन के बाद 4 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।