- कर्मचारी संघ ने संयुक्त संचालक पर लगाए आर्थिक गड़बड़ी के आरोप
- कार्रवाई की मांग को लेकर संभाग आयुक्त को संघ ने सौंपा ज्ञापन
तोकापाल छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने बस्तर के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं पर कर्मचारियों की पदोन्नति के मामले में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि आर्थिक लेनदेन के फेर में वरिष्ठ कर्मचारियों की नियुक्ति तिथि गलत दर्शाकर कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नत कर दिया गया है।इस संबंध में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बस्तर जिला इकाई के प्रतिनिधि मंडल ने संभाग आयुक्त बस्तर को ज्ञापन सौंपा है। संघ के जिला सचिव दयानंद पटेल के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में संयुक्त संचालक पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। संघ ने कहा है कि संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. डी राजन इसी साल मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं और सेवानिवृत्ति से पहले वे पदोन्नति और पदस्थापना के नाम पर जमकर मनमानी एवं वसूली कर रहे हैं। इन दिनों संयुक्त संचालक ने स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू की है। इस पदोन्नति में वरिष्ठता क्रम को दरकिनार करते हुए पैसों के बल पर अनेक कनिष्ठ स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को पदोन्नत किये जाने की तैयारी इनके द्वारा की जा रही है।
वरिष्ठ कर्मचारियों के सरल क्रमांक और नियुक्ति तिथि को गलत दर्शाकर उन्हें कनिष्ठ बना दिया गया है और कनिष्ठ कर्मचारियों को उनसे वरिष्ठ साबित कर उन्हें पदोन्नत किया जा रहा है। जब तक वरिष्टता सूची में अंतिम सुधार ना हो तब तक पदोन्नति सूची जारी ना की जाये इसका उदाहरण देते हुए बताया गया है कि उप स्वास्थ्य केंद्र सोनपुर के पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता रामनाथ कश्यप को बकावंड के खंड चिकित्सा अधिकारी पर दबाव डालकर गलत तरीके से पदोन्नत करने की तैयारी है। जो पदोन्नति सूची में भारी लेन देन की आशंका की ओर इंगित करता है !आगे बताया गया है कि खंड विस्तार प्रशिक्षक अधिकारी ( बीईटीओ ) पद पर पदोन्नति मामले में भी संयुक्त संचालक ने ऐसा ही रुख अपनाया था। पदोन्नति उपरांत इन कर्मचारियों को दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त करने का नाटक किया गया। बाद में इन पदोन्नत कर्मियों से जमकर उगाही की गई और फिर उन्हें शहरों और ब्लॉक मुख्यालयों के आसपास पदस्थ कर दिया गया। संघ ने कहा है कि डॉ. डी राजन जब बस्तर के मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी थे, तब उन्होंने डीएमएफटी मद से बहु उद्देशीय पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता पद के लिए स्वयं की हस्तलिपि में नियुक्ति आदेश जारी किए थे, जो संदेहास्पद हैं। संघ ने ज्ञापन के साथ डॉ. राजन द्वारा जारी पदोन्नति आदेश की छायाप्रतियां भी प्रस्तुत की हैं। संघ ने डॉ. राजन द्वारा जारी पदोन्नति आदेश पर रोक लगाने की मांग संभाग आयुक्त से की है। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में छग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला सचिव दयानंद पटेल, जिला उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह, नेत्र सहायक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक हनुमंत राव, महारानी हॉस्पिटल इकाई के जिला सचिव नीरज मामडीकर, जिला महारानी इकाई उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा साहू, जिला मीडिया प्रभारी भीकम साहू शामिल थे।
टीए बिल में किया गया था फर्जीवाड़ा
छ्ग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने डॉ. डी राजन पर टीए बिल के नाम पर भी फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है। संघ ने ज्ञापन में बताया है कि डॉ. डी राजन तोकापाल में खंड चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तब उन्होंने फर्जी टीए बिल पेश कर हजारों रुपए आहरित कर लिए थे। मामला उजागर होने पर जांच में आरोप सिद्ध पाए जाने पर डॉ. राजन ने चालान के माध्यम से सरकारी कोष में 92 हजार 720 रुपए जमा करा दिए थे। इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। कई गंभीर आरोपों से घिरे डॉ. डी राजन कार्रवाई न होने से मातहत कर्मचारियों को अब प्रताड़ित भी करने लगे हैं। नेत्र सहायक अधिकारी सोनिया प्रमोद यादव संयुक्त संचालक की प्रताड़ना से सर्वाधिक पीड़ित हैं। डॉ. राजन द्वारा सोनिया यादव को मोस्ट डिफाल्टर कहकर और तू तड़ाक की भाषा कई बार सार्वजनिक रूप से अपमानित कर चुके हैं। डॉ. राजन द्वारा ऐसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किए जाने से सोनिया यादव मानसिक रूप से टूट चुकी हैं। डॉ. राजन के ऐसे बर्ताव और उनकी अनियमितताओं के खिलाफ बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल को भी संघ द्वारा ज्ञापन सौंपा जा चुका है।