रायपुर स्वार्थ के लिए राजनीति में आने और फिर हवाओं के साथ पाला बदलने पाला वाले पूर्व नौकरशाहों और कलाकारों में लगता है जरा भी नैतिकता नहीं बची है। ऐसे लोग आखिर जनता के सामने क्या मुंह लेकर जाएंगे भला।
एक रिटायर्ड आईएएस जो सरकारी सेवा के दौरान कई जिलों के कलेक्टर रहते और काफी चर्चित रहे हैं। 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में इस आईएएस ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।2023 के विधानसभा चुनाव के पहले ये आईएएस अधिकारी आरपीएस त्यागी तबकी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बड़े चहेते रहे और उनके मुख्यमंत्री सचिवालय में भी संविदा नियुक्त पर रहे। प्रमोटी आईएएस आरपीएस त्यागी को भूपेश बघेल सरकार ने पीएससी का मेंबर नहीं बनाया और राज्यसभा में भी नहीं भेजा, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़कर आज 1 जून को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। अब ऐसे लोगों पर जनता भला क्या विश्वास करेगी? छत्तीसगढ़ के मशहूर फिल्म कलाकार के सियासी प्रयोग की भी चर्चा रही है।
शर्मा नहीं बन सके राजनीति के ‘अनुज’
अनुज शर्मा ने 2002 में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी के प्रभाव में आकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। चर्चा है कि इसके एवज में अनुज बाबू को जोगी से एक खास उपहार मिला था। अनुज ने जितना नाम छत्तीसगढ़ी फिल्मों में कमाया, उसका एक प्रतिशत भी वे सियासी पर्दे पर नहीं कमा सके। सियासत में कदम रखने के बाद उनका फिल्मी करियर चौपट हुआ सो अलग।