केशकाल घाटी में घंटों लगे रहे जाम का झकझोर देने वाला मंजर

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  • फंसे लोग फोन कर परिजनों से मदद की गुहार लगाते रहे
  •  केशकाल थाने के अधिकारी कर्मचारी बने रहे बेपरवाह

अर्जुन झा
जगदलपुर बस्तर संभाग में केशकाल के पास घने जंगलों के बीच स्थित घाट इन दिनों वाहन चालकों और यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। आए दिन इस घाट में जाम लगने की समस्या पैदा हो जाती है। 24 व 25 दिसंबर की दरम्यानी रात भी ऐसा ही हुआ। रात में घंटों जाम लगा रहा। बसों व कारों में सवार महिलाएं अपने दूधमुहे बच्चों को दूध और पानी के लिए तड़पते देख व्याकुल होती रहीं। बीमार यात्री परेशान होते रहे। आलम यह था कि परेशानहाल लोग अपने सेलफोन से मैसेज और कॉल कर परिचितों व परिजनों से मदद की गुहार लगाते रहे।
जगदलपुर – रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित केशकाल घाट की वादियां भले ही प्राकृतिक सुंदरता से आच्छादित हैं, लेकिन यह घाट लोगों को अक्सर परेशानी में भी डाल देता है। घाट में जाम लगने की समस्या कोई नई बात नहीं है। छिटपुट ऐसे हालात शुरू से बनते रहे हैं, मगर जबसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग ने इस मार्ग पर संधारण और पेंचवर्क का काम शुरू किया है तबसे लंबा जाम लगने की समस्या हद से ज्यादा बढ़ गई है। लगभग दो माह हो चुके हैं, फिर भी कार्य अब तक पूरा नहीं कराया जा सका है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी और केंद्र सरकार के पीडब्ल्यूडी के स्थानीय अधिकारियों व ठेकेदार की उदासीनता का खामियाजा इस राष्ट्रीय राजमार्ग से सफर करने वाले सभी आम एवं खास लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बीती रात छत्तीसगढ़ सरकार के केबिनेट मंत्री केदार कश्यप और जगदलपुर के विधायक एवं नवनियुक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव सिंह को भी काफी देर तक जाम में फंसे रहना पड़ा। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों नेताओं का काफिला जाम से मुक्त होकर आगे बढ़ सका। बताते हैं कि 24 व 25 दिसंबर की दरम्यानी रात भी केशकाल घाट पर कई घंटे तक भीषण जाम लगा रहा। घाट के बीचोंबीच मंदिर से लेकर रायपुर तथा जगदलपुर की ओर वाले दोनों हिस्सों में वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। सैकड़ों यात्री बसें, ट्रक, कारें और अन्य छोटे बड़े वाहन फंसे रहे। बसों और कारों में कई ऐसी महिलाएं शामिल थीं, जिनकी गोद में दूधमुहे बच्चे थे। ये बच्चे भूख और प्यास से बिलखते रहे और माताएं अपने बच्चों को तड़पते देख बेबसी के आंसू बहाती बैठी रहने पर मजबूर थीं। विभिन्न रोगों से ग्रसित यात्रियों का भी बड़ा बुरा हाल था। परिजन यह कहते हुए उन्हें दिलासा दिलाते रहे कि बस थोड़ी देर में हालात सामान्य हो जाएंगे। मगर हालात को सामान्य बनाने वाला किसी मसीहा को दूर – दूर तक कोई अता पता नहीं था। कम उम्र के बच्चे भी भूख और प्यास से बेहाल हुए जा रहे थे और रोने बिलखने लगे थे।

भ्रष्टाचार ने लगाया यह जाम
जगदलपुर – रायपुर नेशनल हाईवे को फोरलेन में तब्दील करने का काम लंबे समय से चल रहा है। इस कार्य की स्वीकृति बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज के लगातार प्रयासों से मिल पाई है। इसी के तहत इस नेशनल हाईवे के केशकाल घाट वाले हिस्से में मार्ग के दोनों किनारों की पेंच के मजबूतीकरण का कार्य कराया जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस कार्य का ठेका एक ठेकेदार को दे रखा है और कार्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर है। बताते हैं कि विभाग के जिम्मेदार इंजीनियर और अधिकारी कार्य का मुआयना करने कभी नहीं पहुंचते। एक मैदानी कर्मचारी के भरोसे ही सब कुछ छोड़ दिया गया है और सुपरविजन का काम यही कर्मचारी कर रहा है। अफसरों के संरक्षण में ठेकेदार द्वारा कार्य को मनमाफिक अंजाम दिया जा रहा है। कार्य में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। इसी लापरवाही और कार्य की धीमी गति के चलते घाट पर जाम लगने की समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।

एक परेशान यात्री की गुहार
बीती रात केशकाल घाट पर जाम में घंटों फंसे रहे एक पीड़ित यात्री ने अपने तथा अन्य यात्रियों के साथ बीत रही त्रासदी का बखान करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मदद के लिए मार्मिक गुहार लगाई। यह पोस्ट इस संवाददाता के सेलफोन पर भी आई। इस यात्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में जो कुछ लिखा है, वह इस तरह है – यही करीब तीन घंटे से जाम लगा हुआ है। रायपुर से जगदलपुर की ओर जाने वाले वाहन घंटों से जाम में फंसे हुए हैं। वहीं जगदलपुर की तरफ से आने वाले वाहनों को धीरे धीरे आगे रवाना किया जा रहा है। हाईवे का पेट्रोलिग वाहन और केशकाल पुलिस का एक भी जवान घाट के आसपास नहीं है। मै करीब दो घंटे से घाट के बीच के मंदिर के आसपास जाम में फंसा हुआ हूं और दूसरी तरफ से आते वाहनों को देख रहा हूं। जो कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मेरी इस पोस्ट को पढ़े, तो इस जाम से मुक्ति दिलाने में मदद करे, बड़ी मेहरबानी होगी।