जगदलपुर । ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक रूपेन्द्र सिंह हाटकचोरा विकासखंड नानगुर को महामारी सलाहकार दीपक पाणीग्राही के द्वारा झूठे आरोप के आधार पर निलंबित कराये जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल महामारी सलाहकार के रूप में दीपक पाणीग्राही की नियुक्ति को ही अवैधानिक करार दिया है। एवं उसे निलंबित करने की मांग की है। संघ जिलाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने आज प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि दीपक पाणीग्राही महामारी सलाहकार के द्वारा रूपेन्द्र सिंह ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक हाटकचोरा को झूठे आरोप कार्य की अव्हेलना करते हुए एंटीजन कीट एवं दवाईयों को फेंकना तथा ली गई सेंपल की जानकारी आटीपीसीआर एप्प में एंट्री नहीं किया गया एवं 27 अप्रैल से बिना सूचना के वह लगातार अनुपस्थित है। यह पूर्णत: भ्रामक जानकारी है इसकी जांच कराने से मामले की सत्यता सामने आयेगी। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार रूपेन्द्र सिंह के द्वारा अपनी ड्यूटी नियमित की जा रही थी। 26 अप्रैल को वे डयूटी पर थे जहां उनके साथ दीपक पाणीग्राही एवं सतीश मिश्रा राजस्व निरीक्षक एवं पुलिसकर्मी उपस्थित थे। सैप्लिंग का आनलाईन एंट्री नहीं किया जा रहा था क्योंकि किसी ने इसकी जानकारी नहीं दी थी। आफलाईन कार्य का संपादन पूरी टीम के साथ किया जा रहा था। कार्य समाप्ति के पश्चात दीपक पाणीग्राही के द्वारा बीपूल कुमार जग्गी फर्मासिस्ट महारानी अस्पताल से सैप्लिंग कीट रखने हेतु वैक्सिन कोरियर रात को मंगाया गया। जिसकी जानकारी विपुल कुमार से ली जा सकती है। यहां यह अवगत कराना आवश्यक है कि रूपेन्द्र सिंह की तबीयत 26 अप्रैल की रात बिगड़ गई, उन्हें चक्कर आना और घबराहट होने के कारण वे 27 अप्रैल को अपने कार्य पर उपस्थित नहीं हो पाये जिसकी जानकारी विभाग के वाह्टसएप्प ग्रूप में विधिवत दे दी गई थी। रूपेन्द्र सिंह द्वारा 27 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में आकर उपचार भी कराया गया। जहां उपस्थित डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। इसके बाद रूपसिंह द्वारा 27 अप्रैल से 1 मई तक वाह्टसएप्प ग्रूप में एवं पत्र वाहक के माध्यम से अपनी अवकाश की सूचना कार्यलय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ-साथ प्रभारी कोविड अधिकारी को एक आवेदन के माध्यम से दी गई थी किंतु 30 मई को बिना किसी स्पष्टिकरण के उच्चअधिकारी को गूमराह कर रूपेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया गया।
जिलाध्यक्ष ने रूपेन्द्र सिंह के आवेदन के आधार पर जिला कलेक्टर से मिलकर ऐसे निलंबन के प्रति सकारात्मक रूख अपनाते हुए ऐसे निष्ठावान कर्मचारी को बहाल करने का निवेदन किया था। जिसपर जिला कलेक्टर द्वारा 18 मई को बहाल करने का आश्वासन भी दिया गया था। किंतु आज दिनांक तक उनकी बहाली नहीं हो पाई है एवं मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निलंबन से बहाल करने हेतु टालमटोल किया जा रहा है। इन सभी उपरोक्त कारणों से संघ को अब आभाष हो रहा है कि दीपक पाणीग्राही सलाहकार महामारी द्वारा व्यक्तिगत दुश्मनी भुनाने के कारण उच्चअधिकारियों को गुमराह कर निष्ठावान कर्मचारियों के विरूद्ध लगातार कार्यवाही कराई जा रही है। संघ का इस मामले में निवेदन है कि रूपेन्द्र सिंह ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक हाटकचोरा का निलंबन वापस लेते हुए पुन: उनके मूल पद पर स्थापना दी जाये एवं दीपक पाणीग्राही के विरूद्ध जांच बिठाकर पूरी मामले की जानकारी एवं जांच निष्पक्ष रूप से कराई जाये। यहां विदित हो कि महामारी सलाहकार के रूप में पदस्थ दीपक पाणीग्राही के बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों का कहना है कि ये कर्मचारी जबसे इस कार्यालय में पदस्थ हैं तभी से इनके द्वारा अपने साथी कर्मचारियों के प्रति भेदभाव एवं असहयोगात्मक रवैया रहता है। बात-बात पर उच्चअधिकारियों से अपने संबंधों का हवाला देकर निलंबन कराने की धमकी देना इसकी आदत सी हो गई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि रूपेन्द्र सिंह जैसे कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी की निलंबन को रद्द कर तत्काल उसकी बहाली की जाए।